प्रदेश में अब बीमा पॉलिसी
हिमाचल प्रदेश में अब बीमा पॉलिसी या किसान बुक दिखाकर भी वाहन पंजीकृत करवाए जा सकेंगे और लाइसेंस बनवाए जा सकेंगे। इन कार्यों के लिए अब 30 तरह के दस्तावेज मान्य होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय ने एक दर्जन और दस्तावेजों को इस काम के लिए तय किया है। इस संबंध में सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजे हैं। इसके लिए पार्षद की ओर से जारी प्रमाणपत्र, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद, सेल एग्रीमेंट, विवाह प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज भी शामिल किए गए हैं। मंत्रालय के निदेशक पीयूष जैन की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी पत्र के अनुसार लोगों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है कि अब 30 तरह के दस्तावेजाें को लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र बनाने के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा।
पहचान, पते और आयु या जन्मतिथि इन तीनों कार्यों के हिसाब से इन प्रमाणपत्रों को तय किया गया है। आधार कार्ड और वोटर कार्ड को इन तीनों के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा। जीवन बीमा पॉलिसी को हालिया प्रीमियम स्लिप के साथ अड्रेस प्रूफ के रूप में पेश कर सकेंगे। हालांकि, पहचान पत्र और आयु प्रमाणपत्र के रूप में इसे प्रस्तुत नहीं किया जा सकेगा। भारतीय पासपोर्ट, केंद्र, राज्य, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सेवा प्रमाणपत्र तीनों कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे। स्कूल लीविंग प्रमाणपत्र पहचान पत्र तो नहीं होगा, मगर पते और आयु की जानकारी के लिए प्रयुक्त हो सकेगा। जन्म प्रमाणपत्र आयु के लिए प्रमाण होगा।
पैन कार्ड का इस्तेमाल केवल पहचान पत्र के रूप में हो सकेगा। राशन कार्ड का भी पहचान व पते के लिए उपयोग होगा। राज्य और केंद्र सरकार के सर्विस फोटोग्राफ की पहचान व जन्म तिथि के लिए इस्तेमाल में लाए जा सकेंगे। इनका भी हो सकेगा इस्तेमाल विवाह प्रमाणपत्र, दसवीं का प्रमाणपत्र, बैंक पास बुक, ट्रांसजेंडर आई कार्ड, एमपी, एमएलए, पार्षद का प्रमाणपत्र, राजपत्रित अधिकारी से जारी प्रमाणपत्र, तहसीलदार, राजपत्रित अधिकारी, बिजली, पानी, टेलीफोन, पाइप्ड गैस कनेक्शन बिल, प्रॉपर्टी टैैक्स रसीद, सर्जन से मेडिकल प्रमाणपत्र, हलफनामा आदि।