प्रदेश के सरकारी
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले 5.25 लाख विद्यार्थियों को इस सप्ताह से स्मार्ट वर्दी का पैसा मिलना शुरू हो जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यार्थियों को देने के लिए बैंक ऑफ बड़ोदा के खाते में राशि डाल दी है। डीबीटी के तहत पहली से आठवीं कक्षा के सभी छात्र-छात्राओं की माताओं के बैंक खाते में 600-600 रुपये डाले जाएंगे। पूर्व की भाजपा सरकार के समय तय स्मार्ट वर्दी को ही बाजार से खरीदकर बच्चों को सिलवाना होगा।
नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वर्दी खुद खरीदनी पड़ेगी। सरकार की ओर से निशुल्क वर्दी योजना में इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को शामिल नहीं किया गया है। पूर्व सरकार पहली से बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी देती थी। सुक्खू सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की वर्दी का रंग नहीं बदलने का फैसला लिया है। बीते दिनों विभाग की ओर से वर्दी का रंग बदलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। तर्क दिया गया था कि जब विद्यार्थियों को वर्दी खुद खरीदनी है तो इसे अधिक रंग की जगह एक या दो रंग का ही किया जाएगा। सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया है। इस वर्ष भी प्रदेश के स्कूलों में पहले से जारी वर्दी के रंग ही विद्यार्थियों को पहनने होंगे।
पूर्व सरकार ने प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर विद्यार्थियों को स्मार्ट वर्दी देना शुरू किया था। सरकार ने अब वर्दी देने की जगह विद्यार्थियों की माता के बैंक खातों में 600 रुपये देकर वर्दी खुद खरीदने को कहा है। बैंक ऑफ बड़ोदा के माध्यम से यह राशि जारी की जा रही है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी पात्र विद्यार्थियों का डाटा और उनकी माता या पिता के बैंक खातों की जानकारी बैंक प्रबंधन को सौंप दी है। इसी सप्ताह से बैंक की ओर से पैसा खातों में ट्रांसफर करने का काम शुरू हो जाएगा। यह है स्कूलों में वर्दी का रंग प्रदेश के स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली छात्राओं के लिए लाल, काले और सफेद रंग की चेकदार वर्दी है। छठी से बारहवीं तक की छात्राओं को दुपट्टा भी अनिवार्य किया गया है। लड़कों की वर्दी हरे रंग की पेंट और हरे रंग की चेक कमीज है।