प्रदर्शन
कांगड़ा: डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा के ओडिटाेरियम में मंगलवार काे नाैकरी से निकाले गए लगभग 272 आउटसाेर्स कर्मचारियाें ने एक मिलकर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी राेष व्यक्त किया। इस माैके पर उपस्थित कर्मचारियाें का कहना है कि जब देश में संकट की घड़ी चल रही थी, ताे हम लाेगाें ने समय अपनी सेवाएं दी, लेकिन उसके बदले हमें नाैकरी से निकाल दिया गया।
विभिन्न विभागाें के कर्मियाें ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान हमें प्रदेश सरकार द्वारा आउससाेर्स के आधार पर ऱखा गया था, जिनमें स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाॅय व सफाई कर्मी आदि शामिल थे, जिन्हें 30 सितंबर काे नाैकरी से निकाल दिया गया। जिसकाे लेकर लगभग 272 कर्मियाें ने अपना राेष प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कर्मचारियाें का कहना है कि संकट की घड़ी में सरकार ने हमसे काम करवाया और अब नाैकरी से निकाल दिया, जाे कि सरासर गलत है। उन्हाेंने कहा कि अभी हाल ही में हम सभी कर्मचारी पालमपुर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले, ताे उन्हाेंने मात्र आश्वासन दिया कि आपके बारे में साेचा जाएगा। कर्मचारियाें का कहना है कि हमें आश्वासन नहीं नाेैकरी चाहिए।
कर्मचारियाें ने कहा कि अगर हमें वापस नाैकरी पर नहीं ऱखा गया, ताे अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल पर बैठ जाएंगे और जरूरत पड़ी, ताे हम लाेग सड़काें पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की हाेगी।
एचपी रियल काेविड वाेरियर यूनियन के जिला कांगड़ा के प्रधान माेनिका काैंडल ने बताया कि विभिन्न विभागाें से निकाले गए लगभग 272 कर्मियाें ने मंगलवार काे टांडा के ओडिटाेरियम में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और उन्हाेंने कहा सरकार से मांग की है कि हमें आश्वासन नहीं, बल्की दाेबारा नाैकरी चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि हमें प्रदेश सरकार द्वारा काेविडकाल में ऱखा गया था, जिस समय की काेई भी अस्पतालाें में नाैकरी करने के लिए तैयार नहीं था, ताे उस मुसीबत के समय में हम लाेगाें ने अपनी जान-जाेखिम में डालकर सेवाएं दी। उन्हाेंने कहा कि अगर हमारी नाैकरी काे बहाल नहीं किया गया, ताे हम लाेग अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल और सड़काें पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेंगे।