पूर्व केंद्रीय मंत्री
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने प्रदेश में सरकारी संस्थान खोलने व उन्हें बंद करने को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार व कांग्रेस सरकार को घेरा है। शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनते ही सबसे पहले प्रदेश में विभिन्न विभागों की लगभग 900 संस्थाएं बंद कर दी गई, जोकि बिना योजना से जल्दीबाजी में खोली गई थीं।
900 संस्थाओं को बंद करने में कांग्रेस सरकार ने जल्दबाजी की
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि वही जल्दबाजी एकदम 900 संस्थाओं को बंद करने में कांग्रेस सरकार ने की। जिस स्कूल में कोई बच्चा नहीं है उसे बंद करना उचित है परंतु जहां छात्र आ गये, अध्यापक आ गये पढ़ाई शुरू हो गई, संस्था में डाक्टर पहुंच गया, दवाई का वितरण शुरू हो गया ऐसी संस्थाओं को इतनी जल्दबाजी में बंद करना जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। इससे दोनों सरकारें जनता के सामने उपहास का कारण बन गई हैं।
गुण दोष के आधार पर कुछ संस्थाओं को बंद करती तो अधिक अच्छा होता
उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार हर विभाग की एक समिति बनाती गुण दोष के आधार पर कुछ संस्थाओं को बंद करती तो अधिक अच्छा होता। शांता कुमार ने कहा प्रदेश के साधन बढ़ाने के लिए जल उपकर वाटर सेस लगाने का निर्णय अच्छा है। इससे प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपए की वार्षिक आय होगी परंतु बाद में बिजली मंहगी करके यह बोझ जनता पर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री रहते हुए हिमाचल की पन बिजली योजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रायल्टी के रूप में लेने का निर्णय मैंने करवाया था। उसका जनता पर सीधा कोई बोझ नहीं है ।
प्रदेश में जेनरिक दवाईओं के प्रयोग के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय
उन्होंने कहा सरकार ने प्रदेश में जेनरिक दवाईओं के प्रयोग के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि लोक सभा में स्थाई समिति के अध्यक्ष के रूप में पूरे दो वर्ष हमने इस विषय पर गहरा अध्ययन किया था। स्थाई समिति ने सरकार को सुझाव दिया था कि भारत की जेनेरिक दवा सस्ती है, पूरी गुणवत्ता वाली है परंतु आम लोगों को इसलिए नहीं मिलती है क्योंकि डॉक्टर अधिक कमीशन के कारण रोगी की पर्ची पर ब्राडिंड दवा लिखते है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण निर्णय पर खुशी तो तब होगी जब यह निर्णय सही ढंग से लागू भी हो। क्योंकि कई प्रदेशों में इस प्रकार की घोषणाएं तो की गई परंतु उन्हें सही ढंग से कोई लागू नहीं कर सका। यदि हिमाचल सरकार इस निर्णय को पूरी तरह लागू कर दे तो यह हिमाचल सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और मैं सरकार को पूरी नहीं ढेर सारी बधाइयां दूंगा ।