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हिमाचल प्रदेश के गांवों में मनरेगा के माध्यम से 2,200 तालाब बनेंगे। इन प्रस्तावित तालाबों के बनने से संबंधित गांवों में किसानों और बागवानों को सिंचाई की सुविधा मिल पाएगी। इस योजना के पहले चरण में प्रत्येक पंचायत में सिंचाई जल संरक्षण के लिए मनरेगा से 900 तालाबों को निर्माण कराया जाएगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
प्रदेश की सभी 3,615 पंचायतों में सिंचाई सुविधा के लिए तालाब बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं। योजना के माध्यम से सरकार गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार करने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत ग्रामीणों के लिए कार्यदिवस भी उपलब्ध करवाएगी।
राज्य के अस्सी फीसदी किसान और बागवान सिंचाई व्यवस्था के लिए पूरी तरह से बारिश के जल पर निर्भर हैं। इन क्षेत्रों के किसानों और बागवानों के लिए वर्षा का जल संग्रहित करके सिंचाई की जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जाना है। पंचायती राज विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पंचायतों से तालाबों के लिए जमीन चिह्नित करके विभाग को अवगत कराकर काम आरंभ करने को कहा है। यह जमीन सरकारी ही होनी चाहिए ताकि तालाब बनाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।