ऊना के बारे एक मशहूर कहावत है कि ऊना ऊने दा उन्ना, न वद्या-कटया… पर रविवार को ऊना ने बता दिया कि अब ऊना सियासत में बढ़ने की ठान चुका है। यह बात तब सामने आई जब कांग्रेस के मंच पर हमीरपुर वाले ठाकुर साहब ने तीर छोड़ा और इस उड़ते तीर को हवा में ही थाम कर ऊना वाले पंडित जी ने उनकी तरफ मोड़ दिया। दरअसल बताया जा रहा है कि ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा को सुक्खू ने इशारों में चुनौती दी तो मुकेश अग्निहोत्री गरमा गए। फिर दोनों में वाक युद्ध हो गया।
मंच से सुक्खू ने न जाने किस वजह से हाईकमान को ढाल बनाते हुए एक तीर छोड़ दिया कि,” किसी को भी नारे और बड़े-बड़े फोटो के आधार पर टिकट नहीं मिलेगी। होगा वही जो हाईकमान द्वारा रचित सर्वे अध्याय में सामने आयेगा।
सुक्खू की वाणी में तेज बहुत था। जाहिर सी बात थी कि इस तेज से ऊना वाले पंडित मुकेश अग्निहोत्री भी दहक उठे। अब पंडित जी कहाँ बर्दाश्त करते कि ऊना के सियासी हवन कुंड में आहुति सुक्खू डाल जाते और उनके जिले में उनके ही सियासी यजमान भटक कर गलत दिशा में चले जाते।
इसके बाद अग्निहोत्री ने माइक थामा और चुन-चुनकर मन्त्र मारते हुए आहुतियां डालने शुरू हो गए। अचानक से भगवान परशुराम जी की भूमिका में आए पंडित जी ने कांग्रेस की सियासी जमीन पर बैठे क्षत्रियों को सियासी फरसा दिखाने शुरू कर दिया। सबसे पहले सांझे तौर पर सुक्खू के साथ प्रतिभा सिंह को यह कह दिया कि , ” देखो,मुझे नहीं पता आप में क्या करते हैं,पर ऊना में कांग्रेस एकजुट हैं।” अब पंडित जी उग्र हुए तो थमे नहीं। कह दिया कि कोई किसी गलतफहमी में न रहे, हमारे टिकट फाइनल हैं। ”
नेता विपक्ष सदन में भले ही अपने साथी विधायकों को डिफेंड करते रहे हों पर पहली बार कांग्रेस की सभा मे भी वह अपने विधायक दल के सदस्य रायजादा के साथ खड़े हो गए। रायजादा की हर काबलियत का प्रमाण पत्र छाती ठोंक कर सरेआम दिया। मगर सदन में कांग्रेस के सदन में कप्तान ने सियासत के फुटबॉल मैच में रेड कार्ड दिखाने जैसे तेवर भी यह कहकर दिखा दिए कि, ” एक के गले में हार डालते हुए,दूसरे को धक्का मत मारना, पता नहीं,किसका,कहाँ पर हाथ चल जाएगा।”
पंडित जी यहीं नहीं रुके। यह वार्निंग भी दे दी कि,”जीतने वाली सीटों पर खामख्वाह का दखल सही नहीं है। जीतने वाली सीटों को हम खराब नहीं होने देंगे।”
अग्निहोत्री के हाव-भाव तो यह बखूबी बता गए कि वो अब फ्रंट फुट पर हैं और हर उस जगह पॉलिटिकल सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे जिस जगह सियासी आतंक फैलाने के इरादों वाले बैठे होंगे। ऊना के कांग्रेसी तालाब में जिस तरह से ठाकुर की डोर के साथ पंडित की डोर में कांग्रेसी मछली फंसी है,उसमें वो तड़पती ही नजर आ रही है .