धर्मशाला। उपमंडल नूरपुर की ग्राम पंचायत कोपड़ा के उपप्रधान ने एसडीएम नूरपुर से मिलकर उपभोक्ताओं को आधा राशन मिलने की समस्या बताई। उपप्रधान सुरिंद्र सिंह ने गांव वासियों की ओर से हस्ताक्षरित शिकायत पत्र भी एसडीएम को सौंपा।
उपप्रधान सुरिंद्र ने बताया कि कोरोना काल में राहत के तौर पर केंद्र सरकार की ओर से देश के हर पात्र व्यक्ति को पांच किलोग्राम मुफ्त चावल और गेहूं दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार से यह गेहूं और चावल तो पूरे आ रहे हैं, मगर हिमाचल की कई पंचायतों में यह आधा ही मिल पा रहा है। कोपड़ा पंचायत में पांच से छह क्विंटल तक का गेहूं और चावल पहुंच ही नहीं पाया है। उपभोक्ताओं को दिसंबर महीने में मुफ्त राशन आधा ही मिला है। इससे ग्रामीणों में खाद्य आपूर्ति विभाग के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
उपप्रधान सुरिंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत के लोगों ने उनके पास शिकायत की थी कि उन्हें कम राशन दिया जा रहा है। इस बारे में फूड इंस्पेक्टर से मिलकर पूछा तो उन्होंने बताया कि पीछे से ही सप्लाई कम आई है।
प्रधान ने मांग की है कि मामले की उचित जांच करवा कर पता लगाया जाए कि पीछे से सप्लाई पूरी आने के बावजूद पंचायतों को पूरा राशन क्यों नहीं मिल पा रहा है। लोगों को बचा हुआ राशन मुहैया करवा कर राहत प्रदान की जाए। वहीं, इस बारे में एसडीम नूरपुर अनिल भारद्वाज ने बताया कि राशन पूरा ना मिलने की शिकायत लेकर कोपड़ा पंचायत के प्रतिनिधि शुक्रवार को उनसे मिले हैं। उनकी मांग पर यह मामला जांच के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग में प्रेषित कर दिया गया है।