मोनिका शर्मा, धर्मशाला
हिमाचल की दूसरी राजधानी धर्मशाला में देश का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी चल रहा है। इसके तहत कुल 76 परियोजनाएं तैयार की जानी हैं, लेकिन इन दिनों ये तमाम प्रोजेक्ट संकट में घिरते नजर आ रहे हैं। इसका कारण स्मार्ट सिटी आफिस धर्मशाला में रि-इंप्लायमेंट पर तैनात 6 अफसरों को हटाया जाना है। धर्मशाला में स्मार्ट सिटी आफिस में रि-इंप्लायमेंट पर तैनात 3 एसडीओ और 3 जेई को हटा दिया गया है।
इसके बाद इतनी बड़ी परियोजना के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका बन गई है। जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में स्मार्ट सिटी में बड़े स्तर के दो ही अधिकारी है। इनमें जीएम के अलावा एक अन्य अफसर बचा है। मौजूदा समय में धर्मशाला शहर में 300 करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं। इनमें स्मार्ट सिटी के आफि स के तहत ही 100 करोड़ के काम यही दफ्तर पूरी तरह देख रहा है।
बिजली बोर्ड के तहत 103 करोड़ के काम जारी हैं। अन्य विभाग भी करीब सौ करोड़ के काम देख रहे हैं। गहन अनुभव रखने वाले छह अधिकारी हटाए जाने के बाद स्मार्ट सिटी के सामने कई संकट खड़े हो गए हैं। मसलन फील्ड इंस्पेक्शन कैसे होगी, प्रोजेक्टों की स्पेसिफिकेशन कैसे हो पाएगी। कार्यों के बिल समय पर तैयार कैसे होंगे।
सवाल यह भी है कि मौजूदा समय में प्रदेश में आउटसोर्स पर भी भर्तियां नहीं हो पा रही हैं, तो स्मार्ट सिटी को अफसर कब और कैसे मिलेंगे। इस बारे में स्मार्ट सिटी के एमडी प्रदीप ठाकुर ने ख़बर आज तक को बताया कि सरकारी आदेशों का पालन किया है। नई सरकार में बीओडी या अन्य सरकारी चैनल के जरिए तैनाती का प्रयास करवाया जाएगा।
बहरहाल अब सरकार को तय करना है कि नई तैनातियां कैसे की जानी हैं। इनमें सरकार दूसरे विभागों से अधिकारियों को भी यहां समायोजित कर सकती है। साथ ही बीओडी व अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है।
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों पर कोई असर नहीं होने दिया जाएगा। खाली चल रहे पदों पर शीघ्र तैनाती करवाई जाएगी। सरकार के पास कई विकल्प हैं। स्मार्ट सिटी कार्यों को स्पीडअप करवाया जाएगा
सुधीर शर्मा, विधायक, धर्मशाला
सरकार के आदेशों पर कार्रवाई
हिमाचल में पूर्व जयराम सरकार में री-इंप्लॉयमेंट और एक्सटेंशन पर चल रहे 100 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया गया है। 200 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी अभी ऐसे हैं, जिन्हें टर्मिनेट किया जाना है। मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के बाद विभागों, निगमों और बोर्डो में री-इंप्लॉयमेंट पर चल रहे सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को हटाया जा रहा है।