सरकार से चुनावी वादा पूरा करने का किया आग्रह
5 हजार में से 2 हजार आश्रितों को ही मिली है नौकरी
3 हजार आश्रितों को अभी भी नौकरी की आस
मांगें मानी तो निकालेंगे आभार रैली करेंगे सरकार का धन्यवाद
तपोवन: प्रदेश में दो दशक से हजारों करुणामूलक आश्रित रोजगार के इंतजार में हैं। कांगे्रेस ने चुनावों से पहले पहली केबिनेट में करुणामूलकों के हित में निर्णय लेने का वादा किया है। प्रदेश में पूर्व में 5 हजार के करीब करुणामूलक आश्रित थे, जिनमें से अभी तक 2 हजार ही एडजस्ट हो पाए हैं, जबकि 3 हजार आश्रित अभी भी रोजगार की वाट जोह रहे हैं। सरकार यदि मांगें मानती है तो सरकार का धन्यवाद करने के लिए आभार रैली का आयोजन किया जाएगा।
यह बात शुक्रवार को तपोवन में शीत सत्र के अंतिम दिन डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री से मिलने पहुंचे करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अजय कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि कई करुणामूलक आश्रित वर्ष 2001 से 2003 से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान करुणामूलक आश्रितों ने रोजगार के लिए सवा साल तक शिमला में आंदोलन किया, उसके बावजूद सरकार ने उनकी खैर-खबर तक लेना गवारा नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार अपने वादे अनुसार पहली कैबिनेट में करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला ले और जितने भी केस पेंडिंग हैं, उन्हें मद्देनजर रखते हुए पहली केबिनेट में संशोधान पॉलिसी पाए, जिससे नौकरी से वंचित करुणामूलकों को नौकरी मिल सके।
अजय कुमार ने कहा कि पूर्व सरकार जल शक्ति विभाग और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व कई अन्य विभागों के पात्र आश्रितों को भी क्लास-डी में अपने द्वारा बनाई गई पॉलिसी के तहत भी नौकरी नहीं दे पाई।
ये हैं संघ की प्रमुख मांगें……
. पहली कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए।
. वित विभाग द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रेजेक्टेड केसों को दोबारा कंसिडर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए।
. क्लास-सी व डी में कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए और ताकि सभी को एक साथ नियुक्तियां मिल सके।
. योग्यता के अनुसार क्लास-सी व डी के सभी श्रेणियों टेक्निकल व नॉन टेक्रिकल पदों में नौकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े।