देश के सबसे लंबे
देश के सबसे लंबे दिल्ली-लेह रूट पर जल्द एचआरटीसी की बस दौड़ेगी। एक हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी और लगातार 30 घंटे का यह सफर प्रकृति के विभिन्न नजारों का दीदार करवाएगा। रोमांच भरे इस सफर के दौरान पर्यटकों को मौसम के विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। मैदानी इलाकों की झुलसाने वाली गर्मी और बर्फीली वादियों की हाड़ कंपा देने वाली ठंड 30 घंटों के सफर को रोमांचक बनाएगी। आधुनिक शैली में बनी फोरलेन सड़क और आधुनिक टनलों के साथ ऊबड़-खाबड़ सड़क में हिचकोले भी लेंगे। एचआरटीसी प्रबंधन की मानें तो जून के प्रथम सप्ताह में दिल्ली से लेह रूट पर चलने वाली बस सेवा शुरू कर दी जाएगी।
हालांकि, यह सेवा मौसम की स्थिति पर निर्भर रहेगी। इस सफर के दौरान बर्फ से लकदक 15,000 फीट से अधिक ऊंचे दर्रों से होकर यह बस लेह तक पहुंचेगी. एचआरटीसी प्रबंधन ने बस सेवा शुरू करने की कवायद तेज कर दी है। मौसम ने साथ दिया तो जून के पहले सप्ताह से बस शुरू हो जाएगी। लगभग 30 घंटे का यह सफर 1740 रुपये प्रति यात्री किराया रहेगा। लेह से दिल्ली एक हजार किलोमीटर से अधिक दूसरी की इस यात्रा के दौरान पर्यटक विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों से अवगत होंगे। दिल्ली, पंजाब की गर्मी के बाद यह सफर हिमाचल की ठंडक का अहसास करवाएगा तो लाहौल और लेह-लद्दाख तक के सफर में बर्फीली वादियां भी दिखाएगा। बारालाचा दर्रा, तंगलांगला आदि जगहों पर यात्री माइनस डिग्री तापमान की शीतलहर से भी रूबरू होंगे।
पिछले वर्ष 15 जून को दिल्ली-मनाली-सरचू-लेह के लिए बस सेवा शुरू हुई थी। इस रूट पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व लेह लद्दाख की वादियों के दीदार होंगे। एचआरटीसी केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक अंशित शर्मा ने बताया कि दिल्ली लेह बस सेवा जून के प्रथम सप्ताह तक शुरू की जाएगी। बशर्ते मौसम साफ रहे। इन दर्रों के होंगे दीदार 30 घंटों के सफर में यात्री मनाली-लेह सड़क पर 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा, 15,547 फीट नकिल्ला, 17,480 फीट तंगलांगला और 16, 616 फीट ऊंचे लाचुंग दर्रे के खुबसूरत नजारों से रूबरू होंगे। पिछले वर्ष इस रूट पर सितंबर में बस सेवा बंद हो गई थी। यह दर्रे गर्मी के मौसम में भी बर्फ से लकदक रहते हैं।