तिब्बत सरकार
भारत अगर चीन से भारी मात्रा में सामान खरीदकर उसे फीड करता रहेगा तो ड्रैगन काटेगा ही। भारत को चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को कूटनीतिक बनाने की जरूरत है। यह बात निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने शिमला में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान कही। सेरिंग तीन दिवसीय शिमला दौरे पर आए हैं। सेरिंग ने कहा कि अगर चीन-तिब्बत मसले का समाधान होता है तो भारत के सीमावर्ती मुद्दों का भी समाधान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि चीन की तिब्बत के साथ 2,600 किलोमीटर की सीमा है, पर हमारा और उनका कोई भी सांस्कृतिक तालमेल नहीं है। सीमा के आरपार कोई नहीं जाता। भारत में ही बुद्ध ने जन्म लिया। यहीं से बौद्ध धर्म का विस्तार हुआ। भारत के पास इसकी लीगेसी है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को कूटनीतिक तरीके से बनाने की जरूरत है। चीन से आयात ज्यादा हो रहा है, लेकिन यहां से निर्यात कम जा रहा है। फिर यह कहा जा रहा है कि ड्रैगन काट रहा है। फीड करेंगे तो ड्रैगन काटेगा ही। पेंपा ने कहा कि चीन ने उनके खिलाफ साइबर वार शुरू किया है, जिसे पिछले दिनों देखा जा चुका है। चीन को पड़ोसी भारत के साथ संबंध सुधारने चाहिएं।
भारत सरकार का चीन से जुड़े विवादों के मामले में अच्छा स्टैंड रहा है, चाहे डोकलम वाला मुद्दा हो या कुछ और। इससे पहले सेरिंग का केंद्रीय तिब्बती स्कूल छोटा शिमला में एक कार्यक्रम में पहुंचने पर तिब्बतियन समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान भारत-तिब्बतियन समन्वय संघ हिमाचल प्रांत के अध्यक्ष तेनजिन सुंगरेप और तिब्बतियन स्कूल की प्रधानाचार्य पेमा गेलमेन मौजूद रहे। सेरिंग ने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने चुनाव के दौरान किए वादों को पूरा करने के लिए हिमाचल में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोगों से मिल रहे हैं। सेरिंग राजयपाल, मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन से मुलाकात करेंगे। पेंपा ने कहा कि उनकी सरकार चीन के साथ बातचीत के माध्यम से विवाद हल निकालने के लिए प्रयास करेगी।
निर्वासित तिब्बत सरकार शांति मार्ग से समस्या का हल चाहती है। हम राजनीतिक समाधान चाह रहे हैं। चीन सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर हमें नीचा दिखाने का कर रहा प्रयास पेंपा सेरिंग ने कहा कि चीन हमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर नीचा दिखाने का प्रयास करता रहा है। मीडिया को सही तस्वीर दुनिया के सामने रखनी चाहिए। उन्होंने चीन के साथ रिश्तों को लेकर भारत के रुख की सराहना की और कहा कि चीन आज अंदर से अपने को असुरक्षित महसूस करता है, इसलिए उसका अधिकतर बजट का खर्च सुरक्षा पर होता है। उन्होंने कहा कि हम मैकमोहन लाइन और शिमला समझौते का सम्मान करते हैं। भगवान बुद्ध की भारत जन्मभूमि रही है, हम अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं कि हम शांति की राह दिखाने वाले भारत की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है।