तिब्बती धर्मगुरु
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि भगवान बुद्ध और भगवान महावीर दोनों एक ही मां की जुड़वां संतान हैं। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर जन्म लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, बुद्ध, महावीर, नानक व अनेक महापुरुषों ने विश्व को प्रेम व भाईचारे की राह की दिखाई है। धर्मगुरु ने यह बात बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गुरूवार को उनके निवास स्थल पर भेंट करने आए जैन धर्म के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आचार्य लोकेश के नेतृत्व में विभिन्न धर्मों के धर्माचार्यों से मुलाकात के दौरान कही।
दलाईलामा ने कहा कि भगवान बुद्ध की करुणा व भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन के बताएं मार्ग से ही विश्व में शांति, सद्भावना की स्थापना हो सकेगी। बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा से मिले धर्माचार्यों ने उन्हें बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दी। अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक, जैन आचार्य डा. लोकेश ने कहा कि विश्व में शांति और सद्भावना पूर्ण माहौल के लिए बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं की अधिक जरूरत है। अमरीका की शांति सद्भावना को यात्रा की करेंगे शुरुआत हिमालय कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष एलपी पोंत्संग ने बताया कि विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेश जून माह से अमरीका की शांति-सद्भावना यात्रा को प्रारंभ कर रहे हैं जहां वे शिकागो में आयोजित हो रही वल्र्ड रिलीजन पार्लियामेंट में अप्प्रोचेस टू एस्टब्लिशिंग वर्ल्ड पीस एवं एन इंटरफेथ कॉल टू एक्शन ऑन क्लाइमेट चेंज को संबोधित करेंगे। उन्होंने अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा गुरुग्राम में स्थापित हो रहे भारत के पहले विश्व शांति केंद्र की जानकारी भी दी।