खबर आजतक, धर्मशाला ब्यूरो
तिब्बतियों के सर्वोच्च अध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के किसी भी सार्वजानिक कार्यक्रमों से पहले रैकी करने वाला स्नाइफर डॉग डूका अब नजर नहीं आएगा। डुका के स्थान पर अब 9 माह का ट्रेन्ड टॉमी को तैनात किया गया है। इसे पंजाब होमगार्ड डेराबस्सी ट्रेनिंग सेंटर से तीन लाख रुपए में खरीदा गया है। दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात डूका नाम का स्नाइफर लैब्राडोर डॉग 12 साल की सेवाओं के बाद शुक्रवार को रिटायर हो गया। सूंघने की जबरदस्त क्षमता के लिए मशहूर डूका विस्फोटकों को ट्रेस करने के लिए मशहूर है। अपनी 12 साल की सेवाओं के बाद डूका को रिटायर करने का फैसला लिया गया है। पुलिस विभाग ने 10 फरवरी को केंद्र सरकार की अनुमति से मैक्लोडगंज पुलिस लाइन में शिव मंदिर के समीप इसकी नीलामी की। इस नीलामी में पांच लोगों ने भाग लिया।
जिसे नीलामी में धर्मशाला के निवासी ने 1550 रुपए में खरीदा। दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात डीएसपी नितिन चौहान ने बताया कि डूका की सबसे बड़ी खूबी विस्फोटकों से पुलिस को आगाह करना है। वह दलाई लामा के सार्वजनिक कार्यक्रमों से पहले आयोजन स्थल पर रैकी करता था, उसके बाद कार्यक्रम सेफ समझे जाते थे। साल 2010 में डूका को आर्मी ट्रेनिंग सेंटर से एक लाख 23 हजार रुपए देकर लाया गया था। उस समय यह सात माह का था। उसकी कुछ ट्रेनिंग यहां हुई। उसके बाद वह लगातार एक सोल्जर की तरह अपनी सेवाएं दे रहा था।
कुछ ऐसा है डाइट डूका को सुबह दूध के साथ अंडा चाहिए। इसके अलावा 200 ग्राम रोटी उसकी सुबह की डाइट में शामिल है। डूका के केयर टेकर राजीव पटियाल ने बताया कि शाम के समय उसे 400 ग्राम मटन के साथ 300 ग्राम सब्जी व रोटी दी जाती है। डूका की साथी फीमेल ऑलिव 6 साल की है। अब उसे नया साथी टॉमी मिल गया है। क्यों महंगा है डूका अमूमन लैब्राडोर डॉग की कीमत दस से 25 हजार तक होती है, लेकिन डूका जैसे स्नाइफर को उनकी ट्रेनिंग के कारण ज्यादा कीमती माना जाता है। लैब्राडोर की एवरेज एज 15 साल होती है, लेकिन 12 साल के बाद ज्यादातर फिट नहीं रहते। पचानवे प्रतिशत लैब्राडोर शांत स्वभाव के होते हैं।