आज भाजपा में बड़ा धमाका हो गया। जोगिंद्रनगर में ठाकुर गुलाब सिंह की सियासी जमीन की रजिस्ट्री प्रकाश राणा के नाम हो गई तो पट्टे की जमीन पर देहरा में बैठे ठाकुर रविन्द्र सिंह रवि की लीज़ रद्द हो गई। जो जयराम ठाकुर मन्नतों के सहारे पॉलिटिक्स कर रहे थे,अब खुद अपनी मिन्नतें गैरों से करवाने वाले बन गए। अचानक से हिमाचल भाजपा का माहौल ही बदल गया। इस छोटे से पॉलिटिकल पैकेट से जो बड़ा धमाका हुआ है,इसकी आवाज से कई बहरे होते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, जैसे ही जोगिंद्रनगर से प्रकाश राणा और देहरा से होशियार सिंह को जयराम ठाकुर ने भाजपा की सदस्यता दिलवाई तो ऑटोमैटिकली जोगिंद्रनगर से ठाकुर गुलाब सिंह और देहरा से ठाकुर रविंद्र सिंह रवि की टिकटों पर झाड़ू चल गया। जाहिर सी बात है कि सियासी रिवायत के मुताबिक भाजपा की टिकटें राणा और होशियार सिंह को ही मिलेंगी। जबकि यह भी हकीकत है कि ठाकुर गुलाब सिंह अनुराग ठाकुर के ससुर हैं और धुमल साहब के समधी। जबकि रविंद्र रवि प्रो धुमल के सबसे खास और प्रिय शिष्य।
अब ऐसे में यह तय है कि वाया जयराम ठाकुर हाईकमान का यह फैसला हुआ है। इस फैसले से प्रो प्रेम कुमार धुमल जिन्हें भाजपा का बहुत बड़ा हिस्सा रीढ़ की हड्डी मानता है, उस रीढ़ की हड्डी के दो मनके तो खिसका दिए गए हैं। समधी को जमीन दिखा दी गई और चेले से सियासी चोला ही छीन लिया गया। वक़्त की बात है, नहीं तो यह वही धुमल साहब थे जिन्होंने ने साल 2017 में भाजपा को सत्ता में काबिज करने के लिए पंडित सुखराम फैमिली को भाजपा में मिलाया था। पर किस्मत की बात देखिए कि जब नतीजे आए तो मंडी जिले में प्रचण्ड बहुमत भाजपा को मिला और पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा। सबसे बड़ा झटका यह लगा कि धुमल सुजानपुर से चुनाव हार गए और जिस मण्डी जिले में प्रो धुमल ने अपनी सीएमशिप को मजबूत करने का जाल बिछाया था, उसी मण्डी के सराज से जयराम मुख्यमंत्री बन गए।
किस्मत का खेल यहां भी नहीं थमा। बाद में अनिल शर्मा भी भाजपा सरकार से बाहर कर दिए गए। मण्डी में जयराम ठाकुर की किस्मत जलवा दिखाती रही और बाहर प्रदेश के अन्य जिलों में बलवे होते रहे। आज फिर वही हुआ। जयराम ठाकुर के जरिये गुलाब मुरझा गए और रवि अस्त हो गए। पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ऐसा पॉलिटिकल कलर अपनी छाती पर लगा हुआ मिल गया,जैसे कलर एक फौजी को सियाचिन जैसी हार्ड जगह में तैनाती के बाद अपनी छाती पर लगाने को रिब्बन कलर मिलते हैं। आखिर प्रो प्रेम कुमार धुमल जैसे कमांडर के घर के अंदर तक मार करने में कामयाब रहे और सबसे बड़े पॉलिटकल रेंज एरिया में उनके दूसरे कप्तान को पटखनी जो दी है। भाजपा का एक धड़ा अब खुलकर कह रहा है कि हमारे साहब अब फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं और फ्रंट भी वही संभालेंगे।
यहां एक और बड़ा हैरानीजनक तथ्य ऐसा है जो आने वाले वक्त में भाजपा के लिए गले की फांस बन सकता है। होशियार सिंह ने कुछ रोज पहले ही भाजपा में अपनी एंट्री में देरी को लेकर भाजपा नेताओं को ही सांप की संज्ञा दी थी। सीमेंट के दामों पर तो होशियार तीखे लफ़्ज़ों में भाजपा को खरी-खोटी सुनाने के लिए मशहूर हैं। यानि अब उनके पुराने बोलों के नए सियासी मोल भी लगेंगे। रवि की बात करें तो अब उनके पास अगला विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी ही बचा है। यहां से धुमल भक्त रमेश चंद धवाला विधायक हैं। पहले यह माना जा रहा था कि अगर फेरबदल की नौबत आई तो धवाला देहरा तो रवि ज्वालामुखी अदल-बदल हो सकते हैं। पर अब दोनों धुमल समर्थकों पर संशय के बादल छा गए हैं। सियासत है करवट बदलती है। आज तो यही नजर आ रहा है कि सियासी गर्माहट जयराम खेमे की करवट में है तो ठंडे बस्ते में धुमल समर्थक…