छावनी परिषद् के विघटन
छावनी परिषद् पोल के विघटन की अधिसूचना के उपरान्त छावनी परिषद् विद्यालय में अपनी सेवाएँ दे रहे आउटसोर्स एवं विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा रखे गए अध्यापकों एक विद्यालय कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों पर रोजगार जाने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। छावनी परिषद् के विघटन के उपरान्त छावनी परिषद द्वारा आउससोर्स कर्मचारियों का वेतन बंद कर दिया है। बिना वेतन के विद्यालय में उनकी सेवाएँ स्वतः बन्द हो गई हैं। एसएमसी के अध्यापकों का भविष्य भी अन्धकारमय हो गया है जबकि ये अध्यापक पिछले आठ-दस वर्षों से विरन्तर सेवाएँ दे रहे थे।
विघटन से पूर्व इन अध्यापकों व कर्मचारियों द्वारा एक के हित में विचार करने हेतु उपायुक्त काँगड़ा को छावनी परिषद् के अधिशासी अधिकारी द्वारा अवगत करवाया गया था। उपायुक्त द्वारा विघटन का काम देख रहे पंचायती राज विभाग हिमाचल प्रदेश को सूचि कर दिया गया था। पंचायती राज विभाग द्वारा इस विषय पर किसी भी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया। स्थिति में इन कर्मचारियों का भविष्य अधर में अटक गया है। इन कर्मचारियों द्वारा स्थानीय विधायक की ओर से भी इस मुद्दे पर सहयोग हेतु प्रार्थना की गई हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार से भी ये कर्मचारी इनके हितों पर ध्यान देने की आशा रखते हैं।