क्षेत्रीय अस्पताल ऊना
ऊना जिले में होने वाली दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल लोगों को अब क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में ही त्वरित उपचार मिल सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। ट्रॉमा सेंटर सर्जन से लेकर अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इससे मरीजों को आपातकाल में मेडिकल कॉलेज टांडा, पीजीआई चंडीगढ़ और निजी अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्रीय अस्पताल के समीप तीन स्तरीय (लेवल थ्री) ट्रॉमा सेंटर का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है।
केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद बजट मिलते ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जिले में बीते कई वर्षों से ट्रॉमा सेंटर बनाने की मांग उठ रही है। इसको लेकर धरातल पर अभी ट्रॉमा सेंटर का निर्माण नहीं हो पाया है। जिले में ट्रॉमा सेंटर न होने से मरीज और तीमारदारों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बता दें कि जिले में सड़क हादसों और गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों का उपचार क्षेत्रीय अस्पताल में संभव नहीं हो पाता है। मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे टांडा मेडिकल कॉलेज या पीजीआई के लिए रेफर कर दिया जाता है। समय पर उचित उपचार की सुविधा नहीं मिलने से मरीज कई बार रास्ते में दम तोड़ देता है।
ट्रॉमा सेंटर की सुविधा मिलने से ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकेगी। सेंटर में ये सुविधाएं होंगी उपलब्ध तीन स्तर के तहत खुलने वाले ट्रॉमा सेंटर में दो सर्जन, दो आर्थोपेडिशियन, दो एनेस्थेटिक्स, तीन कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी, 25 स्टाफ नर्स, 13 नर्सिंग अटेंडेंट, पांच ओटीए, चार रेडियोग्राफर और दो लैब तकनीशियन सेवाएं देंगे। इससे यहां आपातकाल में किसी भी तरह का ऑपरेशन किया जा सकेगा। यह सेंटर जीवन रक्षक बनकर उभरेगा, क्योंकि इस सेंटर में अलग से स्टाफ मौजूद रहेगा, जोकि इस तरह मामलों से निपटेगा। ऐसे में मरीजों को उपचार के लिए इधर-उधर नहीं जाना होगा। क्षेत्रीय अस्पताल के समीप ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। सेंटर बनाने के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। ट्रॉमा सेंटर के शुरू होने से हादसों में घायल होने वाले मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। – डॉ. रमन शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना।