कोरोना से बचाव
हिमाचल सरकार के पास कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं है जबकि लोगों को महामारी के प्रति जागरूक करने के लिए मॉकड्रिल की जा रही है। प्रदेश में करीब 30 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगाई जानी है। स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र को इस बारे अवगत कराया है लेकिन वैक्सीन की सप्लाई नहीं मिली है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या 68,64,602 है। इनमें से 49 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज लगाई जानी है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा करीब दो हजार पहुंच गया है। एक सप्ताह के भीतर प्रदेश में सात लोगों की मौत हो चुकी है।
मामले बढ़ने के साथ लोगों की मौत होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने जिलों के अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को रोटेशन में ड्यूटियां देने के लिए कहा है। वार्डों में एंटीबायोटिक, बुखार, मास्क, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है। विभाग का दावा है कि जिलों में कोरोना से निपटने की प्रर्याप्त व्यवस्था की गई है। लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. गोपाल बैरी ने बताया कि कोरोना से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन का इंतजार है।
मास्क पहनकर स्कूल आएं छात्र-छात्राएं
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शिक्षा विभाग ने भी छात्र-छात्राओं को मास्क पहनकर स्कूल आने के लिए कहा है। इसके अलावा अध्यापकों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में भीड़ एकत्र न होने दें। स्कूल और आसपास सफाई रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों में न करें भीड़
सरकार ने लोगों से अस्पताल में भीड़ न जुटाने की अपील की है। वार्डों में उपचाराधीन मरीजों के साथ भी एक तीमारदार रहने के लिए कहा गया है। अस्पतालों में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।