कैग की रिपोर्ट
अग्निशमन सेवा विभाग ने हिमाचल प्रदेश में आग की दृष्टि से संवेदनशील भवनों व उद्योगों को चिह्नित नहीं किया है। कैग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। विभाग ने ऐसे खतरनाक उद्योगों और असुरक्षित भवनों का डाटा तैयार करने की जहमत नहीं उठाई। हिमाचल प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम 1984, विभाग को अग्नि सुरक्षा के लिए परिसर में प्रवेश करने और जांच करने का अधिकार देता है। बावजूद नियमों का पालन नहीं किया गया।
राज्य में 115 अग्निशमन वाहनों की अपेक्षा बेड़े में 85 अग्निशमन वाहन उपलब्ध पाए थे। इसी समय 2018-21 के दौरान विभाग ने मोटर वाहन के तहत 6.22 करोड़ का बजट सरेंडर किया। अग्निशमन सेवा विभाग में 5,055 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के प्रति मात्र 728 उपकरण उपलब्ध पाए गए। आग लगने की घटनाओं के बारे में प्रथम सूचना देने के लिए आबंटित यूनिक टोल-फ्री नंबर (101) राज्य में किसी भी अग्निशमन -चौकी में उपलब्ध नहीं कराया गया।
इसके चलते अग्निशमन चौकी की ओर से सूचना प्राप्त करने व प्रतिक्रिया करने में देरी हुई। परिचालन कर्मियों के स्वीकृत 938 पदों की संख्या के प्रति 257 (28 प्रतिशत) पद रिक्त थे, जिसने अग्नि-नियंत्रण केंद्रों की क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वर्ष 2018-21 के दौरान विभाग ने कार्य के प्रति अग्नि शामकों की फिटनेस का पता लगाने के लिए कोई शारीरिक मूल्यांकन परीक्षण नहीं किया।