केंद्रीय विश्वविद्यालय
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रदेश विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने अतिरिक्त जिम्मेदारियों से भारमुक्त करने की इच्छा जताई। उन्होंने सोमवार को राज्यपाल को इस बारे में ई मेल से लिखित आग्रह किया है। इसकी प्रति एचपीयू कुलपति कार्यालय को भी भेजी गई है। दोपहर बाद प्रो. बंसल ने ई मेल से अतिरिक्त जिम्मेदारियों से भार मुक्त होने के लिए राज्यपाल और विवि के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल से अनुमति मांगी है।
प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार के राज्यसभा सांसद बनने और उनके ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद 21 मार्च 2022 को केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति प्रो. एसपी बंसल को पूर्व कार्यकाल में प्रदेश विवि के कुलपति की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद प्रो. बंसल दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में कार्य कर रहे थे। विवि के कार्यवाहक कुलपति के पद छोड़ने की इच्छा जताने के बाद यदि राजभवन से इसे मंजूर कर दिया जाता है तो इसके बाद विवि बिना कुलपति और बिना प्रति कुलपति यानि बिना मुखिया के हो जाएगा। ऐसे में विश्वविद्यालय के कुलपति पद की जिम्मेदारी शिक्षा सचिव को सौंपी जा सकती है, या सरकार को बिना समय गंवाए एचपीयू में प्रति कुलपति की नियुक्ति करनी पड़ेगी। चूंकि कुलपति का पद खाली नहीं रखा जा सकता है।
प्रदेश सरकार के सत्ता संभाले पांच माह बीत जाने पर भी अभी तक विवि में स्थायी कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। प्रति कुलपति के इस्तीफा देने के बाद से अब तक पद पर नई नियुक्ति नहीं हुई है। शनिवार को ही विवि के अधिष्ठाता अध्ययन के पद पर नई ताजपोशी जरूर हुई है। विश्वविद्यालय के कुलपति के पद के रिक्त होने पर अब प्रति कुलपति पद पर जल्द ताजपोशी की जा सकती है। इसके लिए पहले से विवि में कांग्रेस विचारधारा से संबद्ध शिक्षकों ने पहले से लॉबिंग चल रही है। इसके लिए कई दावेदारी जता रहे हैं। 21 मार्च से शुरू हुआ था पदभार छोड़ने का सिलसिला प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रशासनिक बदलाव न होने के बावजूद 21 मार्च तक पहले तैनात किए अधिकारियों से कामकाज जारी रहा।
21 मार्च को विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल सहित एक साथ सात अधिकारियों ने कुलपति से लिखित में पद छोड़ने की पेशकश की। आठ मार्च को आठ और अधिकारियों, 23 मार्च को दो अन्य शिक्षक अधिकारियों ने अतिरिक्त जिम्मेदारियों से भारमुक्त करने का कुलपति से आग्रह किया। विवि के दीक्षांत समारोह और इसमें राष्ट्रपति के आगमन पर निर्णय होने पर कार्यवाहक कुलपति ने इन्हें पद से भार मुक्त नहीं किया। दीक्षांत समारोह निपटने पर 4 मई को डीएस ने पारिवारिक कारणों का हवाला देकर अतिरिक्त कार्यभार छोड़ने की पेशकश की, जिसे कुलपति ने मान लिया। वीरवार को विवि में नए डीएस की तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए। इसके बाद अब कार्यवाहक कुलपति ने ही सोमवार राज्यपाल को ई मेल कर पद से भार मुक्त करने का आग्रह कर अनुमति मांग ली।