किरतपुर-नेरचौक फोरलेन
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर वाहनों की रफ्तार न्यूनतम और अधिकतम कितनी होगी, इसका निर्णय प्रदेश सरकार की ओर से गठित परिवहन कमेटी लेगी। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुसार इस फोरलेन पर अधिकतम गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन आधिकारिक गति वही होगी, जिसे परिवहन कमेटी तय करेगी। किरतपुर से नेरचौक तक 110 कैमरों की निगरानी में वाहन चालक होंगे। फोरलेन पर हर किलोमीटर से डेढ़ किलोमीटर में तीसरी आंख का पहरा है।
जगह-जगह फोरलेन पर एएनपीआर सिस्टम लगाए हैं। वहीं, कई जगह इन्हें लगाने का काम जारी है। अगर हाईवे पर परिवहन समिति की ओर से तय की गई गति से ज्यादा वाहन दौड़ेंगे तो वाहन चालकों का ऑटोमेटिक चालान कटेगा। हाईवे पर तेज रफ्तार से वाहनों से होने वाले हादसों पर अंकुश लगाने के लिए यह एएनपीआर लगाए गए हैं। बड़ी बात यह होगी कि यह कैमरे बिजली और सौर ऊर्जा दोनों पर चलेंगे। बिजली गुल होने की परिस्थिति में इन कैमरों की बैटरी में सोलर पावर का बैकअप रहेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा था कि मई 15 तक फोरलेन तैयार कर केंद्र को सौंप देंगे, लेकिन पिछले एक माह से लगातार बारिश होने के चलते समय से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। वहीं अब फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। हाईवे अथॉरिटी ने इसे पूरा करने का लक्ष्य 20 से 30 जून का रखा है। मौसम ने खलल नहीं डाला तो जून से देश प्रदेश के लोगों के लिए किरतपुर से नेरचौक फोरलेन को समर्पित कर दिया जाएगा। किरतपुर से नेरचौक तक फोरलेन पर 110 कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरे लगाने का कार्य शुरू हो गया है। हाईवे पर चलने वाले वाहन चालक इनकी निगरानी में रहेंगे। इसके अलावा फोरलेन पर वाहनों की न्यूनतम और अधिकतम गति क्या होगी, इसे प्रदेश सरकार की ओर से गठित परिवहन कमेटी ही तय करेगी। मौसम साफ रहा तो 20 से 30 जून के बीच फोरलेन पूरी तरह से तैयार होगा। – वरुण चारी, किरतपुर-नेरचौक फोरलेन परियोजना निदेशक