कांगड़ा और चंबा
कांगड़ा और चंबा जिलों के सभी घरों में समय पर पूरा पेयजल देने के टारगेट को हर हाल में हासिल किया जाएगा। यह कहना है कि जलशक्ति विभाग के नए मुख्य अभियंता ई सुरेश कुमार का। मंडी जिला से ट्रांसफर होने के बाद सुरेश कुमार जलशक्ति विभाग में कांगड़ा जोन को संभालेंगे। इस जोन में कांगड़ा और चंबा दोनों जिला शामिल हैं। उन्होंने धर्मशाला में कार्यभार संभालते ही अपनी तीन बड़ी प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। इसमें पहली समय पर पूरा पेयजल देने की है। उन्होंने कहा कि उनकी दूसरी प्राथमिकता पेयजल और सिंचाई की दम तोड़ रही स्कीमों को पटरी पर लाना है। इससे अंतिम छोर पर बसे घरों और खेतों को तर किया जा सकेगा। मौजूदा समय में दोनों जिलों में कृषि और बागबानी आय के प्रमुख साधन बन रहे हैं। ऐसे में सभी सिंचाई योजनाओं को सुचारू करना समय की जरूरत है। प्रदेश के अग्रणी मीडिया हाउस ‘दिव्य हिमाचल’ से बातचीत में सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी तीसरी प्राथमिकता शहरों से सटे कस्बों में सीवरेज सुविधा मुहैया करवाना है। इसमें धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, सिहुंता, चुवाड़ी, चंबा शहर के आसपास के देहाती इलाकों में सीवरेज सिस्टम को मजबूत किया जाएगा। शहरों में आबादी बढऩे से सीवरेज सिस्टम हांफ रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समर सीजन के लिए प्लान बनाकर काम किया जाएगा, ताकि मानसून की बारिशों में सप्लाई पर असर न पड़े।
सरकारी स्कूल में पढ़ाई
इंजीनियर सुरेश कुमार मूल रूप से सिहुंता के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा (सातवीं तक) सिहुंता और मैट्रिक की पढ़ाई चुवाड़ी के सरकारी स्कूलों में हुई है। उनके शिक्षक माता-पिता के बेटे सुरेश कुमार ने प्रेप की पढ़ाई डीएवी कालेज कांगड़ा से की है। उसके बाद सरकार के उन्होंने नोमिनेशन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई मध्य प्रदेश से की है। पहली पोस्टिंग चंबा में होने के बाद 1996 में वह कमीशन के जरिए जेई बने। समय के साथ साथ उन्होंने डलहौजी, पंचरुखी,डलहौजी, देहरा व धर्मशाला में सेवाएं दी हैं। कोविड काल ेमें उन्होंने धर्मशाला में बेहतरीन सेवाएं दी हैं।
बड़े प्रोजेक्टों के माहिर
ई सुरेश कुमार को बड़े प्रोजेक्टों को संभालने का लंबा अनुभव है। कोविड काल में धर्मशाला से उन्हें रोहड़ू भेजा गया था। उसके बाद रोहड़ू से मंडी के लिए उनकी बतौर चीफ इंजीनियर प्रोमोशन हुई। वहां उन्होंने बतौर प्रोजेक्ट डायरेक्टर और चीफ इंजीनियर के तौर पर सेवाएं दी। मंडी में उन्होंने एडीबी,ब्रिक्स जैसे बैंकों से जुड़ी परियोजनओं को आगे बढ़ाया। साथ ही फ्रांस के बंैक से जुड़ी सीवरेज परियोजना पर काम किया। धर्मशाला में उन्होंने आते ही विदेश से आई टीम के साथ एक खास प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। यह परियोजना पेयजल पर आधारित है।