कमरुनाग मंदिर
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग मंदिर परिसर में 14 जून तक बाहरी व्यापारियों के लिए प्रवेश निषेध कर दिया गया है।
मंदिर परिसर में बाहर से होटल और ढाबा चलाने वाले लोग अब देवता के अधिकार क्षेत्र की सीमा (खूंडा) से बाहर ही अपना खानपान का व्यवसाय चला सकते हैं। बुधवार को देव कमरुनाग मंदिर में देवता कमेटी के जरनल हाउस में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। देवता कमेटी ने यह फैसला कमरुनाग मंदिर और झील की पवित्रता, मंदिर और झील के खजाने की सुरक्षा और मंदिर परिसर को स्वच्छ रखने के लिए लिया है। मंदिर कमेटी ने तर्क दिया है कि गर्मियों के दिनों में कमरुनाग मंदिर में दुकानदार गंदगी फैला रहे हैं। इससे देवता के मंदिर परिसर में गंदगी और झील की पवित्रता खराब हो रही है।
देवता कमेटी के सामने यह भी बात सामने आई है कि बाहर से आने वाले दुकानदारों की मिलीभगत से झील की सुरक्षा पर सेंध लगाई जा रही है। इसके साथ मंदिर परिसर के साथ लगते जंगल को भी कुछ व्यापारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दुकानदार सफाई को लेकर गम्भीर दिखाई नही दे रहे हैं। जिससे मंदिर परिसर में गंदगी पवित्र झील में जा रही है। इससे देव कमरुनाग नाराज हो रहे हैं। देवता कमेटी को यह भी जानकारी मिली है कि कुछ बाहरी व्यापारी अपनी दुकानों में मादक द्रव्यों का व्यापार चलाते हैं। इससे देव कमरुनाग मंदिर की प्रतिष्ठा खराब हो रही है। इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कमरुनाग मंदिर कमेटी ने यह फैसला लिया है।
बड़ा देव कमरुनाग के गूर गुरदेव सिंह ने बताया कि देवता कमेटी के जरनल हाउस में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी 14 जून को देवता के सरानाहुली मेले में व्यापारी कमरुनाग मंदिर में दुकानें लगाकर अपना कारोबार कर सकते हैं। कमरुनाग देवता मंदिर में गर्मियों को पहुंचने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए खाना बनाने के लिए बर्तन और ठहरने के लिए सराय का प्रबंध मंदिर कमेटी करेगी, लेकिन मंदिर परिसर में कोई भी व्यापारी दुकान नहीं लगा सकेगा।