कंपोस्ट खाद
कंपोस्ट खाद के संकट के बीच हिमाचल में मशरूम के दामों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। जहां पहले मशरूम के दाम 80 से 100 रुपये प्रति किलो थे, वहीं अब 150 से 200 रुपये प्रतिकिलो तक इसके दाम पहुंच गए हैं। इन दिनों बाजार में 200 ग्राम मशरूम पैकेट की कीमत 40 रुपये तक हो गई है। जबकि किलो के हिसाब से 150 रुपये प्रति किलो दी जा रही है। बताया जा रहा है कि खाद न मिलने से सोलन सिरमौर, शिमला, किन्नौर और बिलासपुर जिला में मशरूम उत्पादन 60 फीसदी तक गिर गया है।
पांच वर्ष पहले करीब 8,000 टन उत्पादन होता था, जो अब यह घट कर 3,000 टन रह गया है। अनुदान पर मशरूम खाद न मिलने से यह परेशानी आई है। पांच वर्ष पहले सोलन-चंबाघाट स्थित कंपोस्ट यूनिट से किसानों को खाद मिल जाती थी, इस दौरान छोटे-बड़े मशरूम उत्पादकों की संख्या भी ज्यादा थी, लेकिन वर्ष 2017 में कालका-शिमला एनएच पर फोरलेन कार्य में उद्यान विभाग की 48 वर्ष पुरानी यूनिट जद में आने से यहां पर खाद बनाने का कार्य भी रुक गया।
दो गुणा बढ़े बैग के दाम
सोलन में सरकारी खाद यूनिट बंद होने से उत्पादकों को निजी यूनिट में जाना पड़ रहा है। जहां उन्हें जो कंपोस्ट खाद का बैग अनुदान पर 60 रुपये का मिलता था, वह अब 120 से 130 रुपये का मिल रहा है। जिस कारण अधिकतर छोटे उत्पादकों ने मशरूम उगाना छोड़ दिया है। पहले 8,000 उत्पादक थे, जो अब 2,746 रह गए हैं।
फोरलेन के जद में आने से चंबाघाट कंपोस्ट यूनिट बंद है। पंजीकृत मशरूम उत्पादक सस्ती खाद लेने के लिए रामपुर के दत्तनगर स्थित मशरूम युनिट में आवेदन कर सकते हैं। सोलन में मशरूम कंपोस्ट यूनिट को नए सिरे से बनाने का मामला प्रशासन और सरकार के संज्ञान में है।