एचआरटीसी के प्रदेश भर
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के प्रदेश भर में चलने वाले करीब 1,200 रात्रि रूटों के संचालन पर अगले माह से संकट खड़ा हो सकता है। 7 मई से निगम के चालक-परिचालक रात्रि सेवाओं पर ड्यूटी नहीं देंगे। बीते 42 माह से रात्रि भत्ते का भुगतान लंबित होने से चालक-परिचालक ऑपरेशनल स्टाफ यूनियन ने मंगलवार को शिमला में ढली कार्यशाला के बाहर गेट मीटिंग के दौरान यह एलान किया। निगम के 11,000 कर्मियों को 11 दिन बीतने के बाद भी इस माह वेतन नहीं मिला है, जिससे निगम कर्मियों में रोष है।
गेट मीटिंग के दौरान कर्मियों ने नारेबाजी कर अपनी मांगें उठाई। यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर ने बताया कि रात्रि भत्ते के अलावा ओवर टाइम का भुगतान भी लंबित है। कर्मियों को संशोधित वेतनमान का न तो एरियर मिला, न ही संशोधित वेतनमान की पहली किस्त जारी हुई। वित्तीय लाभ न मिलने से निगम कर्मी आर्थिक तंगहाली में समय काटने को मजबूर हैं। इस मौके पर लोकल यूनिट के अध्यक्ष शेष राम, प्रधान मनोज कुमार, सचिव शशिकांत सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे। गौर हो कि निगम की रात्रि बस सेवाएं पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और जम्मू के लिए हैं।
6 मई तक अगर रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं हुआ तो 7 मई से चालक-परिचालक रात्रि सेवाओं पर ड्यूटी नहीं देंगे। निगम प्रबंध निदेशक महोदय ने बुधवार को वेतन जारी करने का आश्वासन दिया है।- मेहर चंद कश्यप, यूनियन अध्यक्ष