एचआरटीसी
हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण एचआरटीसी के 1400 से रूट बंद हो गए थे। बारिश से बंद रूटों में से 800 रूटों पर एचआरटीसी प्रबंधन ने बहाल कर दिया है। हालांकि प्रदेश भर में 600 रूटों पर बस सेवा अभी भी बंद है। इसके अलावा एचआरटीसी की सैकड़ों बसें भू-स्खलन व फ्लेश फ्लड के कारण प्रदेश भर में अलग-अलग जगहों पर फंसी हुई थी। इनमें से ज्यादातर बसें सुरक्षित अपने-अपने डिपो में पहुंच चुकी हैं, जबकि 136 बसें अभी तक फंसी हुई है। एचआरटीसी प्रबंधन के अनुसार सबसे ज्यादा कुल्लू डिपो की 50 बसें अलग-अलग क्षेत्रों में फंसी हुई है। शिमला जिला के तारादेवी और नेरवा डिपो की भी 32 बसें अभी तक वापस नहीं लौट पाई है।
इन बसों को फंसे हुए करीब दस दिन का समय हो गया है। एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं बाधित होने और बारिश के कारण बस स्टैंड व वर्कशॉप को हुए नुकसान का आंकड़ा छह करोड़ को पार कर चुका है। वर्तमान में एचआरटीसी का कुल घाटा 1355 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है। वर्तमान में हालत यह कि एचआरटीसी कर्मियों व पेंशनरों की पेंशन सरकार पर निर्भर है। एचआरटीसी को कर्मचारियों के वेतन व पेंशनरों की पेंशन के लिए सरकार से 69 करोड़ रुपए की राशि हर माह लेनी पड़ती है। एचआरटीसी प्रदेश भर में कुल 3600 रूटों पर बसों का संचालन करता हैं, लेकिन पिछले एक हफ्ते से सैकड़ों रूटों पर एचआरअीसी की सेवाएं बंद है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में एचआरटीसी की बसें ही यातायात का मुख्य साधन है।