आयुष्मान खुराना की नई फिल्म पर डाक्टर आलोक शर्मा का कमेंट
डाक्टर सिर्फ डाक्टर होता है, मेल या फिमेल नहीं। यह कहना है देश के नामी गायनोकोलोजिस्ट डा आलोक शर्मा का। अब तक कई स्टेट और नेशनल अवार्ड जीत चुके हिमाचली डाक्टर आलोक शर्मा मौजूदा समय में सिविल अस्पताल सुंदरनगर में सेवाएं दे रहे हैं। डा आलोक शर्मा ने बालीवुड स्टार आयुष्मान खुराना की नई रिलीज होने वाली मूवी डाक्टर-जी पर खुलकर अपनी राय रखी। देश भर के सिने प्रेमियों में चर्चा का विषय बनी इस मूवी का विषय यह है कि पुरुष गायनोकोलिजिस्ट होना कितनी बड़ी चुनौती है।
आयुष्मान खुराना अभिनीत मूवी मेडिकल कैंपस कमेडी है, लेकिन इसका विषय बड़ा महत्वपूर्ण है। इस मूवी के रील डाक्टर आयुष्मान खुराना हैं, जबकि हिमाचल के डा आलोक शर्मा मौजूदा समय में पूरे भारत की महिला मरीजों के लिए रियल डाक्टर जी की भूमिका में हैं। वह अब तक हजारों महिला मरीजों का उपचार कर चुके हैं।
साल 2007 बैच के डाक्टर आलोक शर्मा का कहना है कि रील डाक्टर और रियल डाक्टर में बड़ा अंतर होता है। बेशक डाक्टर का कोई सेक्स नहीं होता है। उसे मेल-फिमेल में विभाजित नहीं किया जा सकता,फिर भी हमारे समाज में एक पुरुष गायनोकोलोजिस्ट के सामने कई चुनौतियां होती हैं। डाक्टर आलोक कहते हैं उनके पास रोजाना 100 महिला मरीज आती हैं। इनमें पांच ऐसी होती हैं, जो झिझक या शर्म के चलते चैकअप में असहज महसूस करती हैं।
यहीं से शुरू होती है चुनौती। ऐसी मरीजों की सहानुभूतिपूर्वक काउंसिलिंग करके उनका उपचार करवाना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। मेल डाक्टर का चैकअप के दौरान टच बड़ा सेंसेवल होता है। डाक्टर आलोक को अब भी याद है कि जब उनकी सिलेक्शन एक गायनोकोलोजिस्ट के तौर पर हुई थी, तो उनकी माता जी ने हैरानी जताई थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि आपके विषय और भी हो सकते हैं, डा आलोक ने अपने प्रेरणास्रोत दिवंगत डा कपिल मल्होत्रा के दिखाए मार्ग पर गायनी को चुना।
आज डा आलोक की गिनती देश के नामी डाक्टर्ज में होती है। डाक्टर आलोक राष्ट्रीय गौरव अवार्ड से अलंकृत हैं। इसके अलावा उन्हें बेस्ट सिटीजन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें बेस्ट आलराउंडर युवा नोर्थ जोन अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा कई दर्जनों सम्मान उन्हें मिल चुके हैं। बहरहाल देश भर में चर्चा का विषय बनी मूवी डाक्टर जी पर रियल डाक्टर जी ने खुलकर अपनी राय दी है।