जिला में अब तक अयोग्य किसान ले चुके 16116 किस्तें, 2155 अयोग्य किसान ले चुके कम से कम एक किस्त
जिला राजस्व अधिकारी बोले, जल्द केवाईसी करवा लें सभी फार्मर्ज
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
केवाईसी (नो योर कस्टमर) न करवाने पर हिमाचल में करीब पौने तीन लाख फार्मर्ज की किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त रोकी गई है। इसमें कांगड़ा के भी हजारों किसान शामिल हैं। जिला की बात की जाए, तो यहां 2199 किसान तो वैसे ही इस निधि के लिए अयोग्य हैं। जिला में इस समय कुल 2 लाख छह हजार 471 किसान एक्टिव हैं। इन किसानों में से अभ 81 फीसदी ने केवाईसी करवाई है। जिला में 19 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जिन्होंने केवाईसी नहीं करवाई है। केंद्र सरकार की ओर से ऐसे किसानों को केवाईसी पूरी करने के लिए कहा गया है।
इसके बाद ही इन्हें किस्त मिल पाएगी। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में 2155 ऐसे अयोग्य किसान हैं, जो कम से कम एक किस्त ले चुके हैं। कुल 16116 इंस्टालमेंट इन अयोग्य किसानों द्वारा ली जा चुकी हैं। विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जिला में अब तक कुल तीन करोड़ 22 लाख 32 हजार फंड अयोग्य किसानों से रिकवर किया जा चुका है। उप जिलों की बात की जाए, तो बैजनाथ में 44 अयोग्य किसान 328 इंस्टालमेंट ले चुके हैं। इसी तरह बड़ोह में 54 अयोग्य किसान 462, चढियार में पांच किसान 35, देहरा के 115 किसान 887 किस्तें ले चुके हैं।
धीरा में 98 अयोग्य किसान 785 किस्तें ले चुके हैं। इसमें जवाली, इंदौरा व नूरपुर में यह आंकड़ा कहीं ज्यादा है। किस्तों के रिफंड की बात की जाए, तो अब तक 654 किसान 4201 किस्तें वापस भी कर चुके हैं।
नियम पूरे करने होंगे
नियम पूरा न करने वाले किसानों और बागबानों को केंद्र सरकार ने खातों में 12वीं किस्त जारी नहीं की है। इन्हें फार्म भरने के लिए 15 दिसंबर तक की मोहलत दी गई है। फार्म भरने के बाद ही बैंकों को इन किसानों का पैसा जारी किया जाएगा। प्रदेश में नौ लाख किसानों-बागवानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
साल 2019 में हुई थी शुरूआत
पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को हुई थी। इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों को प्रति वर्ष छह हजार रुपये तीन किस्तों में किसानों को प्राप्त होते हैं। यह रकम किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर होती है।
किसानों को जल्द केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। नियम पूरा करने वालों को योजना का लाभ मिलने में आसानी होगी
संजीव कुमार भोट, जिला राजस्व अधिकारी