अक्टूबर से लेकर मार्च तक पौंग झील किनारे प्रवासी परिंदों के कलरव से गुलजार रहते हैं, लेकिन इस बार समय से पहले बढ़ती हुई गर्मी ने सारा खेल बिगाड़ दिया है। पौंग झील से तेजी से प्रवासी परिंदे अपने वतन लौट रहे हैं। इस बार कुल 1 लाख 17 हजार प्रवासी परिंदे पहुंचे थे, जिनमें से 70 हजार से ज्यादा लौट चुके हैं। अकेले रविवार के दिन की बात करें, तो नगरेाटा सूरियां, जवाली और फतेहपुर में पारा 25 डिग्री तक ट्रेंड करता रहा। पिछले साल इन दिनों तापमान 20 डिग्री तक था। यही कारण था कि मार्च में जब पारा 25 से ज्यादा होता है, तो प्रवासी परिंदे घर लौटते हैं, लेकिन इस बार बढ़ते हुए पारे ने मेहमानों को करीब तीन सप्ताह पहले लौटने पर विवश कर दिया है।
100 प्रजातियां और टूरिज्म
झील में इस बार 100 प्रजातियों के करीब एक लाख 17 हजार के करीब प्रवासी पक्षी पहुंचे थे। इनमें बारे हेडेड गीज नामक परिंदा आकर्षण का केंद्र रहा। इन्हीं परिंदों की वजह से पौंग झील में पर्यटन केा निखारने की इबारत लिखी जाती है। अभी पर्यटन का समर सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में समय से पहले परिंदों की वापसी टूरिज्म को कहींं न कहीं झटका जरूर देगी। पर्यटन से जुड़े जानकार इस बात को मान रहे हैं कि बढ़ती गर्मी से पक्षियों की वापसी से पर्यटन को झटका लगेगा।
जनवरी में हुई थी गणना
जनवरी माह में इन प्रवासी पक्षियों की वन्य प्राणी विभाग द्वारा गणना भी की गई थी। इस बार पौंग बांध की खाली भूमि पर विभाग द्वारा किसानों को बिजाई करने पर भी प्रतिबंध पूर्ण तरीके से लगाया हुआ है। कई लोगों का मानना है कि पक्षियों को पर्याप्त भोजन न मिलना भी वापसी के कारणों में से एक है।