इलेक्ट्रिक ट्रक और बस
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा सदन में बजट भाषण के दौरान कहा कि आने वाले वर्षों में सार्वजनिक परिवहन को ई-परिवहन के रूप में विकसित किया जाना है।
हिमाचल प्रदेश में ई-वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक ट्रक और बस खरीदने पर युवाओं को 50 प्रतिशत उपदान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा सदन में बजट भाषण के दौरान कहा कि आने वाले वर्षों में सार्वजनिक परिवहन को ई-परिवहन के रूप में विकसित किया जाना है। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता लगभग समाप्त हो जाएगी। निजी बस और ट्रक ऑपरेटरों को ई-बस व ट्रक खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान दिया जाएगा। निजी ऑपरेटरों को चार्जिंग स्टेशन के लिए 50 प्रतिशत की दर से उपदान दिया जाएगा। इसके लिए बिजली बोर्ड के सहयोग से एक विस्तृत परियोजना बनाई जाएगी।
1500 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में एचआरटीसी की 1500 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जाएगा। वर्तमान में एचआरटीसी में 75 इलेक्ट्रिक बसें और 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियों का संचालन किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 1,000 करोड़ रुपये व्यय करना प्रस्तावित है। बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने अपने गृह क्षेत्र नादौन में ई बस डिपो स्थापित करने का एलान किया। शिमला लोकल डिपो में चरणबद्ध तरीके से बदलाव करने की बात कही।
ग्रीन हाइड्रोजन के लिए नीति बनाने का फैसला
ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने का फैसला भी लिया गया। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का फैसला भी लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ध्वनि, वायु और अन्य सभी प्रकार के प्रदूषणों को कम करना सरकार की प्राथमिकता में है। सरकार ने प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के लिए 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा की परियोजनाएं आरंभ करने का लक्ष्य रखा है।
सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने को मिलेगा 40 प्रतिशत अनुदान
प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी भूमि अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान सहित अनुमति दी जाएगी। इन परियोजनाओं से पैदा बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा की जाएगी। प्रदेश के हर जिलें में दो पंचायतों को पायलट आधार पर ग्रीन पंचायतों के रूप में विकसित किया जाएगा। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। पांगी में विद्युत आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम परियोजना स्थापित की जाएंगी।
1,000 मेगावाट पन बिजली परियोजनाओं में शुरू होगा उत्पादन
मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 1,000 मेगावाट क्षमता की पन बिजली परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा। पार्वती दो, टिडौंग एक, शेल्टी-मसरंग तथा लंबाडग को पूरा कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध परियोजना, चांजु तीन, दयोथल चांचु, सुन्नी डैम व डुगर परियोजनाओं का निर्माण कार्य इसी वर्ष आरंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा साईकोठी एक और दो, देवीकोठी तथा हेल परियोजनाओं का निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा।