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सार्वजनिक शौचालयों में बंद हो महिलाओं से शुल्क लेना,  इंटक की राज्य स्तरीय बैठक में महिलाओं ने की चर्चा

इंटक की राज्य स्तरीय बैठक

प्रदेशाध्यक्ष सारिका बोली, सीएम सुक्खू के समक्ष रखेंगे मांगे

मोनिका शर्मा, धर्मशाला

इंटक की महिला प्रकोष्ठ की राज्य तथा कांगड़ा की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन धर्मशाला में किया गया। बैठक में बतौर मुख्यातिथि इंटक के प्रदेशाध्यक्ष महिमन चंद्र मौजूद रहे जबकि बैठक की अध्यक्षता महिला इंटक की प्रदेशाध्यक्ष सारिका कटोच ने की।

इस मौके पर कई मुद्दों पर चर्चा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को इन मांगों को लेकर ज्ञापन देने का फैसला हुआ। इन मांगों में जिन महिलाओं की आय का साधन सीमित है या जिनके घर कोई कमाने वाला नहीं है या किसी अन्य आर्थिक संकट के स्वरूप यदि कोई महिला डिपो का राशन या स्कूल फीस के पैसे नहीं दे पाती ,तब उनका राशन ना रोकने लिए डिपो धारकों को निर्देश देने तथा स्कूल वालों को फीस के लिए दबाव न बनाने के निर्देश देने तथा ऐसा पंचायत या किसी सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित सत्यापित करने की मांग, सरकारी गैर सरकारी और फैक्ट्रियों में जाने वाली महिलाएं, काम करने वाली महिलाओं के छोटे बच्चे जो स्कूल नहीं गए, उनके लिए काम करने वाली जगह पर शिशुपालना केंद्र खोलने, औद्योगिक क्षेत्रों में महिला कामगार कर्मचारियों की सुरक्षित व सुनिश्चित व्यवस्था कंपनियां विभाग की जिम्मेदारी बनाने की मांग, प्रदेश के प्रमुख पर्यटक व औद्योगिक स्थानों में रात्रि के समय शटल बस सेवा तथा सभी सरकारी, अर्ध सरकारी या निजी क्षेत्र में कामगार महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाले परेशानियों के मद्देनजर में 2 दिन का वैकल्पिक संवैतनिक अवकाश प्रदान करने की करने की व्यवस्था की मांग की गई।

इसके अलावा बसों में महिलाओं के लिए 33प्रतिशत आरक्षण को भी व्यवहारिक तरीके से लागू करने व अन्य अक्षमों (वृद्धों,बच्चों,महिलाओं) के प्रति सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी चालक परिचालक की तय करने,
गैर परंपरागत धन उपार्जन रोजगार के तरीकों को बढ़ावा दिया देने, लोक कलाओं के उत्थान के लिए महिला लोक कलाकार और महिला कलाकारों के संपूर्ण दल के लिए विशेष नीतियां बनाने, सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं से लिया जाने वाला शुल्क बंद करने, अर्धसैनिक बलों के परिवारों के लिए सैनिक कल्याण बोर्ड की तरह अर्थ- सैनिक कल्याण बोर्ड गठित करने, युवा शक्ति के लिए रोज़गार के अवसर प्रदान करने की योजनाओं तथा 100 दिन का रोज़गार मनरेगा के अंतर्गत महिलाओं को देने की मांग शामिल है।

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