हिमाचल में हुई तेज बरसात के बाद चक्की दरिया एक बार फिर पूरे उफान पर है। इसके चलते पंजाब-हिमाचल को जोड़ने वाले चक्की पुल को पठानकोट और कांगड़ा प्रशासन ने आपसी सहमति के बाद रविवार को एक बार फिर बंद कर दिया। बता दें कि अभी छह दिन पहले 19 सितंबर को ही इस पुल को खोला गया था।
दोनों राज्यों के प्रशासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सुझाव के बाद पुल पर आवाजाही बंद कर दी है। इसकी पुष्टि डीसी पठानकोट हरबीर सिंह ने की। पुल के बंद होने से लोगों को एक बार फिर बाया लोधवां जाना पड़ेगा, जिससे लोगों को 20 किमी अतिरिक्त सफर तय करना होगा। पुल बंद होने से मजदूर, दिहाड़ीदार, नौकरी पेशा, स्कूल-कॉलेज व पठानकोट के शिक्षण संस्थानों में जाकर शिक्षा ग्रहण करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
दो पिलर खतरे की जद में आए थे
20 अगस्त की भयंकर बाढ़ से चक्की पुल के दो पिलर खतरे की जद में आ गए थे। एनएचएआई ने तुरंत चक्की पुल पर यातायात बंद करने की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। इसके बाद पंजाब के पठानकोट और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा प्रशासन ने चक्की पुल पर यातायात बंद कर वाया लोधवां डायवर्ट कर दिया था।
एनएचएआई की टीम सेना की मदद से पुल के पिलरों को बचाने में जुट गई। मशीनों के साथ पानी का बहाव मोड़ने का काम शुरू हुआ। पानी का बहाव मोड़ने के बाद एनएचएआई पिलरों की सुरक्षा में जुट गई। एनएचएआई ने 11 सितंबर को चक्की पुल का निरीक्षण किया था। पुल को 12 सितंबर से हल्के यात्री वाहनों के लिए खोल दिया गया था। इसके बाद 19 सितंबर को पुल भारी वाहनों के लिए भी खोल दिया गया था लेकिन अब छह दिन बाद ही चक्की में आई बाढ़ के चलते पुल को दोबारा बंद कर दिया गया है।
हिमाचल में हुई तेज बरसात के बाद चक्की दरिया में पानी का जलस्तर बढ़ गया है। इस कारण दरिया में बाढ़ के हालात को देख एनएचएआई ने रिपोर्ट दी थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुल से वाहनों का आवागमन बंद किया गया है। – हरबीर सिंह, डीसी, पठानकोट।