आईजीएमसी शिमला
आईजीएमसी शिमला के बाद अब टांडा मेडिकल कॉलेज में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। ओपन हार्ट सर्जरी करने के लिए यहां ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू की पर्याप्त सुविधा है। 25 से 30 रुपये की जो आधारभूत सुविधाएं सर्जरी के दौरान तुरंत चाहिए, वे जल्द खरीदने के आदेश जारी किए जाएंगे। आईजीएमसी और अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान (चमियाण) के तीन डॉक्टर और ज्वाइंट डायरेक्टर बीते दिन निरीक्षण के लिए यहां गए थे।
निरीक्षण पूरा करने के बाद टीम शिमला लौट आई है। ऐसे में अब ओपन हार्ट सर्जरी शुरू करने संबंधी टीम अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी को सौंपेगी। करीब चार से पांच दिन में यह रिपोर्ट सरकार को पहुंच जाएगी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आईजीएमसी में साल 2005 के बाद से ओपन हार्ट सर्जरी हो रही है। 3000 से अधिक मरीजों की अभी तक यह सर्जरी हो चुकी है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में करीब 25 से 26 केस महीने भर में किए जाते हैं, क्योंकि यहां भीड़ रहती है तो पीजीआई में यह ऑपरेशन होते हैं। जो लोग दिल्ली और लुधियाना जाते हैं, उन्हें तीन गुना पैसा खर्च करना पड़ता है। ऐसे में अब सरकार आईजीएमसी के बाद टांडा में यह सुविधा उपलब्ध करवाना चाहती है।
सरकार के आदेशों के बाद शुरू होगी ओपन हार्ट सर्जरी: डॉ. पठानिया अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान (चमियाणा) के प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि टांडा में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की जा सकती है। वहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकार के आदेशों के बाद इसे शुरू किया जाएगा। आईजीएमसी, पीजीआई या एम्स की टीम आ सकती है यहां सरकार को अब यह देखना होगा कि टांडा के लिए कहां से टीम इस सर्जरी करवाने के लिए आएगी। सरकार के ऑप्शन है कि ओपन हार्ट सर्जरी शुरू करवाने के लिए आईजीएमसी से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेज सकती है। इसके अलावा पीजीआई और एम्स दिल्ली से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को बुलाया जा सकता है। नर्सेस की है कमी टीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले सीटीवीएस विभाग में नर्सेस की शार्टेज अभी भी समस्या बनी है। करीब 20 स्टाफ नर्सेस चाहिए कि जिससे यहां पर सुचारु तरीके से इलाज की प्रक्रिया चल सके। इसके अलावा दो ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की जरूरत यहां रहेगी।