आंगनबाड़ी भवन
आर्थिक संकट के बीच सुक्खू सरकार ने पिछली जयराम सरकार के फैसले को बदल दिया है। प्रदेश में न तो रोपवे कारपोरेशन और न ही कोई निजी कंपनी प्री फेब्रिकेटिड आंगनबाड़ी भवन बनाएगी। इन्हें राज्य सरकार का ग्रामीण विकास विभाग ही बनाएगा। मौजूदा सुक्खू सरकार ने पिछली जयराम सरकार की इस योजना को बदल दिया है। अब ग्रामीण विकास विभाग भी इन्हें मनरेगा कनवर्जेंस से ही बनाएगा। पिछली सरकार के कार्यकाल में कुछ आला अफसरों की एक चहेती कंपनी से टेंडर लगने से पहले ही यह मॉडल बनवाया गया था, जो उस समय चर्चा का विषय बन गया था।
यह उल्लेखनीय है कि राज्य में 583 आंगनबाड़ी भवनों के लिए जमीन का चयन भी हो चुका है। पिछली जयराम सरकार ने 1000 भवन बनाने का लक्ष्य रखा था। इसी लक्ष्य से सुक्खू सरकार भी आगे बढ़ रही है, मगर इसने पिछली सरकार की भवन बनाने की योजना को बदल दिया है। प्री फेब्रिकेटिड आंगनबाड़ी भवन का यह मॉडल एक कंपनी ने शिमला के घणाहट्टी के पास गनेयुग नेहरा पंचायत में बनाया है। इसी तर्ज पर अन्य भवन भी बनने थे।
इन भवनों के लिए वित्त विभाग ने प्रारंभिक तौर पर लगभग 65 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूर किया था। 553 प्री फेब्रिकेटिड आंगनबाड़ी भवन बनवाने का काम रोपवे कारपोरेशन को दिया गया था। यह तय हुआ था कि कारपोरेशन इन्हें खुद नहीं बनाएगा बल्कि निजी कंपनी से बनवाएगा।
निजी कंपनी को काम भी टेंडर लगाकर देने का फैसला लिया गया था। यह टेंडर 13 जून 2022 तक आमंत्रित किए गए थे। हालांकि एक कंपनी को मॉडल बनाने का काम टेंडर लगने से पहले ही दिया गया था। एक प्री फेब्रिकेटिड भवन बनाने की लागत करीब 12.50 लाख रुपये के आसपास