असम की दरांग फील्ड
असम की दरांग फील्ड फायरिंग रेंज में हुई एक दुर्घटना में शहीद हुए रिवालसर क्षेत्र सरध्वार गांव के संदीप कुमार का पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार सुबह पैतृक श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। छोटे भाई सैनिक संजय कुमार ने अपने बड़े भाई की चिता को मुखाग्रि दी।
पूरा क्षेत्र शहीद संदीप कुमार अमर रहे के नारों से गूंजता रहा। वहीं इससे पहले सीएफएन संदीप कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार प्रात उनके पैतृक गांव सरध्वार पहुंचा। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हजूम उमड़ पड़ा। राजकीय सम्मान के साथ तिरंगें में लिपटे पार्थिव शरीर पर नजर पड़ते ही परिजनों की चीख पुकारों से सभी की आंखे नम हो गई।
बता दें कि संदीप कुमार असम में सोमवार को शहीद हो गए थे। तीस वर्षीय संदीप कुमार एक महीनें पहले ही छुट्टी काट कर वापिस गए थे। शहीद संदीप कुमार अपने पीछे बूढ़े मां बाप, भाई बहन, पत्नी और डेढ़ वर्ष का बेटा छोड़ गए हैं। शहीद की अंतिम यात्रा में प्रशासन की ओर से एएसपी सागर चंद, एडीएम मंडी अश्वनी कुमार, सेना की ओर से राकेश कुमार सुबेदार ओर अन्य जवानों ने शामिल होते हुए श्रद्धांजलि दी। वहीं बारिश के कारण काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा।
शहीद की पत्नी नेहा पार्थिव शरीर से लिपट गई और रोते विखलाते बेहोश हो गई। माता- पिता भाई, बहन ने अपनी बाहों से शव को जकड़ के रख लिया। इस हृदय विदारक घटना देख सभी का मन विचलित हो गया। जब शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो मां हीरा देवी और पत्नी नेहा ने रोते बिलखते हुए संदीप की अर्थी को कंधा दिया। बूढ़े पिता हीरा लाल बेटे को यूं देख बेसुध से हो गए।