अर्की और नालागढ़
सोलन जिले के अर्की और नालागढ़ में आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा विस्तार देने के बाद भी तैनाती नहीं हुई है। हैरत की बात तो यह है कि जिला स्वास्थ्य विभाग ने तैनाती से संबंधित कोई आदेश खंड चिकित्सा अधिकारियों को नहीं दिए हैं। इसके चलते कर्मचारी इधर-उधर धक्के खाने पर मजबूर हो रहे हैं। इन कर्मचारियों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि अब इन्हें वापस कार्य करने का मौका मिलेगा या नहीं। वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग भी इनसे बात करने के लिए कतरा रहा है। जिससे यह तकनीकी कर्मचारी अपने आप को बेरोजगार की श्रेणी में मान नहीं रहे हैं।
कर्मचारियों की तैनाती न होने से पीएसए प्लांट भी बंद पड़े हैं और सिलिंडरों से ही अधिक खपत हो रही है। जिससे अस्पतालों में सिलिंडरों का अलग से खर्च भी बढ़ा हुआ है। हालांकि कर्मचारियों को आदेशों के न मिलने के बाद अर्की चिकित्सा खंड में तकनीकी कर्मचारियों की आरकेएस के माध्यम से ही तैनाती देनी पड़ी है। वहीं, परवाणू में भी बिना आदेशों के ही कर्मचारियों को ज्वाइन करने के बारे में आनन-फानन में बुधवार देर शाम बोला गया, जिसके बाद वीरवार सुबह एक कर्मचारी ने पदभार संभाला है। गौर रहे कि अस्पतालों में आउटसोर्स पर रखे गए तकनीकी कर्मचारियों का 31 मार्च को कार्यकाल पूरा हो गया था।
इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्स पर रखे तकनीकी कर्मचारियों के बारे में उच्च अधिकारियों से सेवा विस्तार के लिए पत्राचार किया था लेकिन कोई जवाब उच्चाधिकारियों की ओर से नहीं आया और छह अप्रैल से इन कर्मचारियों की सेवाओं को लेना बंद कर दिया। इसके बाद तकनीकी कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई थी। साथ ही अस्पतालों में कोरोना काल के दौरान करोड़ों रुपये के लगाए पीएसए प्लांट भी बंद हो गए थे और मरीजों को फिर से पुरानी व्यवस्था के अनुसार सिलिंडरों के जरिए ऑक्सीजन दी जानी शुरू कर दी थी। वहीं, इन कर्मचारियों ने सरकार का दरवाजा खटखटाया और इन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया। सेवा विस्तार मिलने के बाद भी पिछले तीन दिन से कर्मचारियों को आदेश ही प्राप्त नहीं हुए हैं।
चिकित्सा खंड बद्दी में 25 कर्मचारी परेशान चिकित्सा खंड बद्दी में आउटसोर्स के 25 अन्य कर्मचारी भी आदेशों के न मिलने पर परेशान हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि ठेकेदार इन कर्मचारियों को पत्र नहीं दे रहा है, जिससे तकनीकी कर्मचारियों समेत अन्य 25 कर्मचारी समस्या को लेकर परेशान है और इन कर्मचारियों को यह समझ नहीं आ रहा है कि अपनी परेशानी किसको बताए। आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों के बारे में जैसे ही आदेश मिले वैसे ही उन्हें खंड चिकित्सा अधिकारियों को भेज दिया गया। इन कर्मचारियों को तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया है। किसी भी कर्मचारी ने आदेश प्राप्त होने के बारे अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है। अगर कर्मचारियों की तैनाती नहीं हुई है तो इसके बारे में पूछा जाएगा। – डॉ. राजन उप्पल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सोलन