‘गुरु गुड़ रहे चेला हो गए शक्कर’ 2017 के विधानसभा चुनाव में नगरोटा बगवां निर्वाचन क्षेत्र में हाल ऐसा ही था तब कभी स्व. जीएस वाली के समर्थक रहे अरुण कुमार ‘ कूका’ ने चुनावी मैदान में बाली को पटकनी देकर अपना लोहा मनवाया था। अब खुद बाली दुनिया में नहीं रहे लेकिन उनके पुत्र रघुवीर बाली कांग्रेस की अगुवाई करते दिख रहे हैं। वहीं अरुण कुमार ‘कुका’ भाजपा का प्राइम फेस बने हुए है। ऐसे में आगामी चुनाव में संभवत: जूनियर बाली और कूका के बीच टक्कर देखने को मिले। –
नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र का विकास प्रदेश भर में चर्चा का विषय रहा है। टांडा मेडिकल कॉलेज, राजीव गांधी राजकीय
इंजीनियरिंग कॉलेज परिवहन निगम का डिपो व आरएम कार्यालय, सिविल अस्पताल और ऐसे अन्य कई बड़े काम स्वर्गीय जीएस बाली की फेहरिस्त में शामिल हैं जिनके माध्यम से क्षेत्र की जनता को स्थानीय स्तर पर बेहतर सुविधाएं मिली हो। अब उनके पुत्र रघुवीर अपने पिता द्वारा कराए गए कार्यों के सहारे उनकी सियासी विरासत संभालते दिख रहे है। उधर भाजपा की बात करे तो अरुण कुमार ‘कुका’ ही भाजपा का प्राइम फेस है। एक समय कूका भी जीएस बाली के समर्थक थे। 2012 में कूका ने जीएस बाली के खिलाफ निर्दलीय मैदान में थे तब जीएस बाली ने कूका को 2743 वोटों से हराया था फिर 2017 में कूका ने बाजी पलटी और भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ वाली को पटकनी दी।
गुटबाजी बड़ी चुनौती……
स्व. जीएस बाली और स्व वीरभद्र । सिंह के बीच हमेशा खट्टे मीठे संबंध रहे है। 2017 में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण गुटबाजी को भी माना जाता है। इस बार कांग्रेस रघुवीर को मैदान में उतारती है तो उनके लिए भी गुटबाजी साधना बड़ी चुनौती होगा।
जीएस बाली का रहा है दबदबा……
जीएस बाली 1998 में पहली बार नगरोटा बगवां के विधायक चुने गए थे। उसके बाद 2003 व 2007 में उन्होंने चुनाव जीता 2003 से 2007 के बीच वे परिवहन मंत्री रहे। 2012 में चौथी बार नगरोटा से उन्होंने चुनाव जीता और एक बार फिर परिवहन मंत्री बने। वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी माने जाते थे।