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सेना में भर्ती के लिए आई ‘अग्निपथ योजना’ पर क्यों भड़के युवा?

केंद्र सरकार (Central Government) ने मंगलवार को सशस्त्र बलों के लिए ‘अग्निपथ’ नामक एक नई भर्ती योजना लॉन्च की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ‘अग्निपथ’   योजना हमारी आर्म्ड फोर्सेस (Armed Forces) में परिवर्तन लाकर उन्हें पूरी तरह आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बनाएगा.   इसमें युवाओं की भर्ती 4 साल के लिए की जाएगी, इसे लेकर देशभर में नाराजगी जताई जा रही है. पटना के गांधी मैदान आर्मी की तैयारी करने आने वाले युवाओं में इस योजना को लेकर काफ़ी आक्रोश है,

एक युवा ने कहा कि बस चार साल. चार साल की नौकरी के बाद वह क्या करेगा. पेमेंट भी बहुत कम है. 4 साल बाद 12 लाख रुपये देंगे. उससे क्या होगा. 30 हजार में क्या घर चल जाएगा.

एक ने कहा कि चार साल बाद जॉब मिलने की क्या गारंटी रहेगी. कहीं जॉब ना मिली तो. नौकरी की कोई सिक्योरिटी नहीं. नौकरियों में कम से कम 20-30 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए जो अग्निपथ से युवा 4 साल पूरे करके निकले. तब भी कुछ समझ आता है. वरना युवा कहां कहां भटकेगा.

एक अन्य ने कहा कि इससे युवाओं की देशभक्ति की भावना पर असर पड़ेगा. 4 साल जॉब करके युवा वापस घर आ जाए इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं है. आर्मी की ट्रेनिंग के साथ हो तो बेरोजगारी और खाली बैठकर वह भटक भी सकता है. अग्निपथ वालों के लिए अलग से चार साल बाद भी नौकरी की कुछ व्यवस्था हो जाए तो युवा उसके हिसाब से तैयारी कर सकता है, लेकिन अभी जो वर्तमान में सरकार ने पेशकश की है, वो कहीं से भी उचित नहीं है.

एक युवक ने कहा कि इस घोषणा में सीधे सीधे युवाओं को मुर्ख बनाया गया है. ट्रेनिंग के बाद नौकरी फिर घर भेज देंगे… नौकरी न मिली और उम्र निकल गई तो कहां जाएंगे युवा. ऐसे में आर्मी में जाने से क्या फायदा है. इससे अच्छा तो स्टेट पुलिस है. बढ़िया से तैयारी करके नौकरी तो अपनी स्टेट में मिलेगा.

युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले एक टीचर ने कहा कि इस घोषणा से लड़कों में बहुत गुस्सा है. इतने समय से ट्रेनिंग कर रहे हैं कि देश की सेवा करेंगे, लेकिन कब करेंगे. क्या चार साल के लिए ये सैनिक बनना चाहेंगे. चार साल में डेढ़ साल तो ट्रेनिंग हो गई क्या ये ढाई साल के लिए सैनिक बनेंगे. चार साल बाद क्या करेंगे. ये तो जीवनभर सैनिक रहना चाहते हैं. क्या चार साल में देश सेवा हो जाएगी. ये युवा रोजगार और देशसेवा दोनों के लिए सेना में जा रहे थे.

गौरतलब है कि 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सशस्त्र बल- सेना, नौसेना और वायु सेना में 4 साल के लिए अग्निवीर के रूप में शामिल किया जाएगा. इस साल 46 हजार से अधिक अग्निशामकों की भर्ती की जाएगी. अग्निवीरों को 30 हजार रुपये से 40 हजार रुपये मासिक वेतन का भुगतान किया जाएगा. उन्हें इस अवधि के दौरान 48 लाख रुपये का बीमा कवर भी मिलेगा.EPF/PPF की सुविधा के साथ अग्निवीरों को पहले साल 4.76 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं चौथे साल में वेतन 40 हजार यानी सालाना 6.92 लाख रुपये मिलेंगे.

वहीं भत्ते के तौर पर जोखिम, राशन, वर्दी और यात्रा में उपयुक्त छूट मिलेगी. वहीं सेवा के दौरान डिसेबल होने पर नॉन-सर्विस पीरियड का कुल पे और इंट्रेस्ट भी मिलेगा. सेवा निधि को आयकर से छूट दी जाएगी. अग्निवीरों के लिए शैक्षणिक योग्यता वही होगी, जो बल में नियमित पदों के लिए तय है.4 साल के कार्यकाल पर लगभग 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में कम से कम 15 सालों की अवधि के लिए नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित किया जाएगा.

अग्निशामकों को बाहर निकलने पर सेवा निधि पैकेज के रूप में 11.71 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो आयकर से मुक्त होंगे. हालांकि, कोई ग्रेच्युटी या पेंशनरी लाभ नहीं होगा. देश की सेवा की इस अवधि के दौरान अग्निवीरों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं चार साल की सेवा के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा, साथ ही नागरिक समाज में शामिल किया जाएगा. सेवा काल के दौरान मौत होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी जाएगी. वही विकलांगता की स्थिति में डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर 100% पर 44 लाख, 75% पर 25 लाख और 50% पर 15 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी. सेना 25 फीसदी सक्षम अग्निवीरों को रिटेन भी करेगी. हालांकि ये तभी हो पाएगा जब सेना में उस वक्त भर्तियां निकली हों.

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