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भाजपा के प्रत्याशी रवि ठाकुर ने लाहुल-स्पीति जिला से भाजपा की नैया डूबो दी।

भले ही लाहुल-स्पीति की जनता जनार्दन ने 52 सालों बाद महिला को अपना विधायक चुना है। लाहुल ने अपनी बेटी को वोट देकर बेटी है अनमोल का भी संदेश तो लाहुल स्पीति के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में दिया है। वहीं, दूसरी तरफ लाहुल के दोनों दिग्गज नेताओं पर क्यों लाहुल की जनता ने विश्वास नहीं जताया है। यह अब प्रश्न चिन्ह लग गया है। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी डा. रामलाल मार्कंडेय जीत की दलहीज के पास पहुंचे थे, लेकिन अंतिम राउंड में वह कांग्रेस प्रत्याशी से पिछड़ गए। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी ने शुरुआती दौर से ही लीड हासिल की थी, लेकिन अंतिम राउंड ने उन्हें विधानसभा की सीट की पीच से आउट कर दिया। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी रवि ठाकुर ने लाहुल-स्पीति जिला से भाजपा की नैया डूबो दी। हालांकि रवि ठाकुर ने प्रचार से लेकर चुनाव परिणाम शुरू होने से पहले तक अपने आप में जीत का दाबा किया, लेकिन जैसे ही चुनाव मतगणना शुरू हुई तो रवि ठाकुर अपनी राजनीतिक शिष्य से मतों के आंकड़ों से कोसों दूर थे। मतों को पिछडऩे का आंकड़ा अंतिम राउंड तक यूं पीछे रहा कि रवि ठाकुर की जमानत जब्त तक हुई। लाहुल स्पीति के इतिहास पर गौर करे तो रवि ठाकुर भाजपा के ऐसे दूसरे प्रत्याशी है, जिन्होंने अपनी जमानत चुनाव में जब्त कर डाली। वहीं, लाहुल-स्पीति विधानसभा उपचुनाव में जनजातीय वोटरों ने दो पुराने राजनीतिक दिग्गजों को दरकिनार कर युवा महिला चेहरे पर भरोसा जताया है।

पिछले करीब अढ़ाई दशकों से लाहुल-स्पीति की राजनीति में जमे पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय और पूर्व विधायक रवि ठाकुर को लोगों ने जिस तरह नजरअंदाज कर 31 साल की अनुराधा राणा को जिताया है, उससे एक बात तो यहां स्पष्ट है कि आने वाले समय में लाहुल-स्पीति की राजनीति बढ़े बदलाव की जाने वाली है। इस चुनाव ने यह भी संकेत दिए हैं कि लाहुल-स्पीति की जनता अब उम्रदराज नेताओं की बजाए लाहुल-स्पीति की राजनीति की भागदौड़ युवाओं को सौंपने का मन बना चुकी है। इस विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने रवि ठाकुर को टिकट देकर भाजपा को लाहुल-स्पीति में संगठनात्मक तौर पर बेहद कमजोर कर दिया है।

क्रास वोटिंग प्रकरण के बाद रवि ठाकुर पर तरासे कथित तौर पर लेनदेन के आरोप लगे। उसे जनता ने गंभीरता से लिया। जिसका परिणाम भाजपा को इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाकर कीमत चुकानी पड़ी है। उधर, निर्दलीय प्रत्याशी डा. राम लाल मार्कंडेय ने इस चुनाव में 7050 मत हासिल कर अपनी न केवल राख बचाई है। अगर यहां भाजपा अपने पुराने प्रत्याशी मार्कंडेय को ही चुनाव में उतारती तो जो आज तस्वीर कुछ और हो सकती थी। एचडीएम

52 साल बाद चुनी महिला

कांग्रेस संगठन ने 52 साल बाद एक युवा 31 वर्षीय महिला अनुराधा को चुनावी मैदान में उतार कर आज लाहुल की जनता को न केवल नया चेहरा, नया नेता दिया है, सामान्य परिवार से संबध रखने वाली अनुराधा राणा एक तेत तर्रार, अच्छी वक्ता, बेदाग छवि महिला पढ़ी लिखी महिला अनुराधा राणा की जीत का आज एक बड़ा कारण आधार माना जा रहा है। यहां कांग्रेस ने संगठित रुप से कार्य कर सीट जिताने में कामयाबी हासिल की है।

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