शिमला संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप की जीत में सोलन जिला सरताज बना है। इस विजय में शिमला, सिरमौर व सोलन जिले से कुल 90548 मतों की लीड भाजपा प्रत्याशी को प्राप्त हुई है। इनमें अकेले सोलन जिले से ही कुल 52106 मतों की लीड सुरेश कश्यप की झोली में डाल कर टॉप किया है। जिले के एकमात्र मंत्री व दो मुख्य संसदीय सचिव भी अपने-अपने हलकों में पिछड़ गए तथा भाजपा के रचे चक्रव्यूह में फंस कर बाहर नहीं निकल पाए। विपरीत परिस्थितियों में भी ‘मोदी मैजिक’ ने अपना कारनामा करके दिखाया तथा पिछले विस चुनाव में भाजपा की सोलन जिले में हुई करारी हार का बदला लोकसभा चुनाव में हिसाब चुकता करके ले लिया गया। जिले में मतगणना शुरू होते ही पहले राउंड से भाजपा को बढ़त मिलनी शुरू हो गई थी।
यही एकमात्र जिला है, जहां पर कुछ एक राउंड छोडक़र किसी भी विस क्षेत्र में कांगेस को लीड नहीं मिली। भाजपा का विजयी रथ पहले राउंड से ही जो धीमी गति से चला था, वह बढ़ता ही गया तथा शिमला संसदीय सीट पर सोलन जिले के पांचों निर्वाचन क्षेत्र से 52106 मतों की लीड ने इस चुनावी पिच पर लड़े मैच को एकतरफा कर दिया। भाजपा को सबसे अधिक लीड अर्की विधानसभा क्षेत्र से प्राप्त हुई।
अर्की से भाजपा को 40026 व कांग्रेसी प्रत्याशी को 24542 मत मिले तथा यहां से 15484 की अधिकतम लीड मिली। इसी तरह नालागढ़ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा को 40283 व कांग्रेस को 25119 मत मिले। भाजपा प्रत्याशी को 15164 मतों की लीड प्राप्त हुई। सोलन में कांग्रेस के मंत्री डा. धनीराम शांडिल भी अपनी विधानसभा सीट की जीत के आंकड़े को नहीं बचा पाए तथा सोलन से भी भाजपा के पक्ष में 32125 मत व कांग्रेस प्रत्याशी को 27109 मत प्राप्त हुए। यहां भी भाजपा 5016 मतों से आगे रही। दून में भी कमोबेश यही हालत रही तथा यहां भी भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में 33521 व कांग्रेस को 20439 वोट मिले, लीड का आंकड़ा 13082 का रहा। कसौली में कांग्रेस ने विनोद सुल्तानपुरी को मैदान में उतारा था, परंतु कड़ी टक्कर के उपरांत भी वह अपने गृह क्षेत्र से 3360 मतों से पिछड़ गए।