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विधानसभा ने कैग के ऑडिट ऑब्जेक्शन से राहत पाने का निकाल लिया रास्ता

हिमाचल विधानसभा ने विधायकों को आबंटित किए जाने वाले आवास के नियमों में बदलाव किया है। यह बदलाव कैग के एक ऑडिट ऑब्जेक्शन का रास्ता निकालने के लिए किया गया है। विधानसभा स्पीकर की ओर से यह अधिसूचना तीन जून को जारी की गई है, जिसे बुधवार को राजपत्र में प्रकाशित किया गया। इसके अनुसार, विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश लेजिसलेटिव असेंबली मेंबर्स रूल्स-2002 के रूल 3 में संशोधन किया गया है। इसमें कहा गया है कि सामान्य तौर पर एक विधायक को एक ही आवास का आबंटन किया जाएगा, लेकिन जो विधायक एक से ज्यादा बार जीत कर आया हो, उसे उपलब्धता के अनुसार दो सेट दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले कई साल से दो सेट सीनियर एमएलए को देने की प्रथा चल रही थी, जबकि नियमों में इसका प्रावधान नहीं था। कैग के ऑडिट ऑब्जेक्शन के बाद हिमाचल विधानसभा के 26 विधायकों या पूर्व विधायकों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का रिकवरी नोटिस जारी हुआ था।

इन सभी माननीयों ने अनधिकृत रूप से विधानसभा परिसर में डबल सेट रख लिए थे। यह प्रथा करीब 30 साल से चल रही थी। 13वीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान पूर्व जयराम सरकार के समय कैग ने अपने ऑडिट में इस खामी को पकड़ा। उसके बाद मामला विधानसभा सचिव को कार्रवाई के लिए भेजा गया। ऑडिट ऑब्जेक्शन के बाद कुछ महीने पहले विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की ओर से रिकवरी नोटिस जारी किए गए थे। ये नोटिस अप्रैल 2024 के महीने में दिए गए हैं, जिसमें औसतन एक विधायक से करीब नौ लाख की रिकवरी बन रही है। इस राशि को संपदा निदेशालय में कैश के रूप में या उनके खाते में जमा कर विधानसभा सचिवालय को इसकी रसीद देने को कहा गया था। जिन विधायकों या पूर्व विधायकों को यह नोटिस हुए हैं, उनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। बदले हुए नियमों से इस रिकवरी नोटिस पर असर नहीं होगा। ये नियम अगली डेट से लागू होंगे। संभव है कि पुरानी रिकवरी को माफ करने के लिए राज्य सरकार की कैबिनेट में मामला भेजा जाए।

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