प्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद अब पर्यटन सीजन रफ्तार पकड़ेगा। पर्यटन कारोबारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि जून में होटलों में ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी से अधिक पहुंच जाएगी। शिमला के होटलियर प्रिंस कुकरेजा और होटल एसोएिशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने बताया कि जब तक देश में चुनाव चल रहा था, पर्यटक कम संख्या में प्रदेश का रुख कर रहे थे। उन्होंने बताया कि शिमला में अभी 50 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी है, जबकि गत सालों के दौरान गर्मियों में 70 फीसदी से अधिक रहती है और वीकेंड पर यह 90 से 100 फीसदी रहती थी। चुनाव खत्म होने के बाद पर्यटन कारोबार रफ्तार पकड़ पाएगा।
समर टूरिस्ट सीजन पर इस बार लोकसभा चुनाव की भी मार पड़ रही है। इस वजह से गर्मियों में भी हिमाचल के होटलों में शत-प्रतिशत ऑक्यूपेंसी नहीं हो पाई है। वीकेंड पर जरूर 70 से 80 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पहुंच रही है, मगर अन्य दिनों में 50 से 60 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है। पर्यटन कारोबारियों की मानें, तो देश में चल रहे चुनाव और गर्मी देरी से पडऩे की वजह से पर्यटक पहाड़ों की सैर पर नहीं आ रहा। इस बार गर्मी भी देरी से शुरू हुई है। इसका असर पर्यटन सीजन पर देखा जा रहा है। पहाड़ों पर सैलानियों की तादाद बढ़ सकती है। खासकर नेता और उनके समर्थक चुनावी थकान मिटाने के लिए पहाड़ों का रुख कर सकते हैं, मगर चिंता इस बात को लेकर है कि 15 जून के बाद प्रदेश में कभी भी प्री-मानसून की बारिश शुरू हो सकती है। मानसून शुरू होने के बाद अक्तूबर तक पहाड़ों पर पर्यटक आना पसंद नहीं करते।
शिमला में कुफरी के अलावा भी कई पर्यटन स्थल
शिमला घूमने आए पर्यटक ज्यादातार शिमला शहर और कुफरी घूमने के बाद वापसी का रुख कर लेते हैं, लेकिन शिमला में कुफरी और शहर के अलावा आस पास कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर्यटक आसानी से पहुंच सकता है और लुत्फ उठा सकता है। इसमें तत्तापानी खूबसूरत स्थल है, यहां वाटर स्पोट्र्स का आनंद लिया जा सकता है। नालदेहरा भी खूबसूरत लोकेशन है, यहां गोल्फ कोर्स है। नारकंडा, क्रैगनेनों, शिमला म्यूजियम, एडवांस स्टडीज, राष्ट्रपति भवन आदि ऐसे अन्य कई क्षेत्र हैं, जहां पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं और घूम सकते हैं।