कांगड़ा शहर में लगातार बढ़ रहे बेसहारा पशुओं के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। कांगड़ा नागरिक अस्पताल के सामने पशुओं के हमले में पांच लोग घायल हो गए। इनमें से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें उपचार के लिए टांडा अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। गंभीर रूप से घायलों में महिला, युवक व एक बुजुर्ग शामिल है। इस घटना के बाद सबसे हैरानी का पहलू है कि घायलों को कांगड़ा नागरिक चिकित्सालय इलाज के लिए लाया गया तो नागरिक अस्पताल कांगड़ा में जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी वह उस समय अस्पताल में ही नहीं था। बेसहारा पशु के हमले में घायल हुए श्रद्धालु दिल्ली से आए थे जो कि माथा टेकने के बाद ढाबे में खाना खाने के लिए जा रहे थे।
घायलों में दिल्ली के श्रद्धालु विनय और उनकी पत्नी रेखा तथा उनकी सास तारा शामिल हैं, जबकि एक व्यक्ति मार्केटिंग का काम करने वाला हरजीत सिंह मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। श्रद्धलुओं के हमले से कुछ मिनट पहले बेसहारा पशुओं ने सड़क पर टहल रहे पंचायत जोगीपुर के पूर्व प्रधान व आप नेता राज कुमार जसवाल पर हमला कर दिया। राजकुमार जसवाल अपने पौत्र के साथ सड़क में टहल रहे थे कि बेसहारा पशुओं के झुंड ने हमला कर दिया। पौत्र को बचाते हुए राजकुमार जसवाल गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है राजकुमार जसवाल को गर्दन के पास 16 टांके लगे हैं।
आलम यह है कि शहर में दिन-प्रतिदिन बेसहारा पशु बढ़ते जा रहे हैं। कांगड़ा में दो गोशाला होने के बावजूद कांगड़ा में हर चौराहे पर पशुओं के झुंड देखे जा सकते हैं। शाम के समय यह स्थिति और भी गंभीर हो रही है। वाहन चालकों सहित राहगीरों का सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो चुका है। प्रशासन व नप कांगड़ा दिन प्रतिदिन इस तरह के हादसों के बाद भी अपनी आंखें मूंद लेता है।
कांगड़ा शहर से लेकर कांगड़ा बाईपास, तहसील चौक, कांगड़ा मेन बाजार से लेकर बस स्टैंड और वीरता तक बेसहरा पशुओं का हुजूम हर समय लगा रहता है। इन पशुओं के कारण रोजाना शहर में कई वाहन चालक व राहगीर छोटे बड़े हादसों का शिकार भी हो रहे हैं। लेकिन फिर भी इन बेसहारा पशुओं से कांगड़ा की जनता को निजात मिलती नहीं दिख रही।