बनखंडी में 250 करोड़ से बनेगा इंटरनेशनल चिडिय़ा घर
मोनिका शर्मा। धर्मशाला
जिला कांगड़ा को टूरिज्म का हब बनाने के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों पर प्रशास ने कवायद तेज कर दी है। इसी के तहत जिला में विभिन्न प्रोजेक्ट प्रस्तावित है और प्रशासन औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है। सैलानियों को रिझाने के लिए कई योजनाएं धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चिडिय़ाघर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बगलामुखी मंदिर के पास त्रिपल जंगल में इंटरनेशनल लेबल का चिडिय़ाघर बनेगा। जिस पर अढ़ाई सौ करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। चिडिय़ाघर के लिए बनखंडी में भूमि चयन कर लिया गया है। जिसका क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर है, जबकि बड़े चिडिय़ाघर के लिए 75 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होती है। बनखंडी के त्रिपल जंगल में 1700 कनाल से अधिक वन भूमि पर इसका निर्माण प्रस्तावित है।
हिमाचल में यहां यहां हैं चिड़ियाघर
हिमाचल प्रदेश के शिमला के कुफरी में जू है। यहां पर काफी सैलानी आते हैं। कुफरी में तेंदुए, भोलू और अन्य जानवर देखने के लिए हैं। इसके अलावा, सिरमौर के रेणुका जी में जू है। वहीं, मंडी के रिवालसर, कांगड़ा के गोपलापुर में भी एक चिडिय़ाघर हैं। हालांकि, इनमें जंगली जानवरों की संख्या कम है। अब प्रशासन और प्रदेश सरकार ने एक और पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चिडिय़ाघर बनाने की तैयारी कर दी है।
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