विदेशी सब्जियां उगाकर पलौहटा गांव के संजय कुमार कूट रहे चांदी
मंडी: कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। अगर कुछ कर पाने की चाहत है और जज्बा है तो कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकती। सुंदरनगर के पलौहटा गांव के संजय कुमार कुशल किसान बनकर बने हजारों युवाओं की प्रेरणा। जहां एक ओर पढ़ लिखकर युवा नौकरी ना मिलने से हताश हो रहे हैं वहीं संजय कुमार विदेशी सब्जियां उगा कर औरों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हैं। वह हर साल 8 से 10 लाख कमा रहे हैं।
सरकार से उपदान पर मिले पॉलीहाऊस में विदेशी सब्जियों के उत्पादन में स्वरोजगार की महक युवाओं की जिंदगी में स्वावलंबन के नए आयाम स्थापित कर रही है। “मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती” स्वरों को चरितार्थ करते हुए विदेश से नौकरी छोड़कर अपने गांव की माटी में सोना उगाने की सुंदरनगर के पलौहटा गांव के संजय की कोशिशों को सरकार की मदद से आत्मनिर्भरता के नए पंख लगे हैं। पॉलीहाऊस में विदेशी सब्जियां उगाकर संजय प्रतिवर्ष 8 से 10 लाख की आमदनी अर्जित कर शिक्षित युवाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल कायम की है।
5 साल विदेश में की नौकरी
उपमंडल सुंदरनगर के पलौहटा गांव के प्रगतिशील किसान संजय कुमार ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एमकॉम की डिग्री हासिल की है। माता-पिता पारंपरिक खेतीबाड़ी करते थे और उनकी रुचि भी खेतीबाड़ी में बहुत थी। विदेश में 5 साल नौकरी करने के बाद संजय ने घर पर माता-पिता की पारंपरिक खेती को आधुनिक रूप से करने का फैसला किया। नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने केवीके सुंदरनगर से संपर्क किया और कृषि विभाग के सहयोग से 504 स्क्वेयर मीटर का पॉलीहाऊस तैयार किया।
खेतीबाड़ी में परिजन दे रहे पूर्ण सहयोग
खेतीबाड़ी के इस कार्य में उनकी धर्मपत्नी चंद्रेश, बेटा ऋषभ और उनकी बहन तनुजा पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। पॉलीहाऊस लगाने के लिए उन्हें सरकार की तरफ से 85 प्रतिशत अनुदान मिला। उन्होंने 5 लाख 73 हजार रुपए की लागत के पॉलीहाऊस में मात्र 90 हजार ही खर्च किए हैं। वर्तमान में उनकी सालाना आमदनी लगभग 8 से 10 लाख रुपए है। संजय कुमार ने बताया कि उनके साथ आसपास के गांवों के लगभग 150 परिवार जुड़े हैं जो सब्जियों को घर-द्वार से ही ले जाते हैं।
पॉलीहाऊस में उगा रहे जहर मुक्त विदेशी सब्जियां
प्रगतिशील किसान संजय कुमार पॉलीहाऊस में प्राकृतिक खेती द्वारा बेमौसमी विदेशी सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। सब्जियों के लिए वह गौमूत्र से बनाई गई स्प्रे व खाद का इस्तेमाल करते हैं। रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग वर्जित है, जिससे फसल जहर मुक्त होती है और इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा नहीं होता है। पॉलीहाऊस में वह आईस बर्ग, केलए ब्रोकली, चाइनीज गोबी, फ्रासबींस, पत्ता गोभी, फुलगोभी, पालक, मटर व रैड कैबेज इत्यादि सब्जियाें का उत्पादन कर रहे हैं।
साल भर होता है उत्पादन, नहीं पड़ता आपदा का असर
संजय कुमार ने बताया कि पॉलीहाऊस में खेती करने के कई फायदे हैं एक तो प्राकृतिक आपदा, बारिश, अधिक तापमान और पाला जैसी समस्याओं से उन्होंने निजात पा ली है, वहीं इसमें तापमान को नियंत्रण कर साल भर उत्पादन लिया जा रहा है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।
संजय कुमार को मिल चुका है कृषि पुरस्कार
प्राकृतिक खेती करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जुलाई, 2021 में प्रगतिशील किसान संजय कुमार को कृषि पुरस्कार से भी नवाजा गया है जिसमें एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।