280 करोड़ रुपए ब्याज
मैसर्स अडानी पावर लिमिटेड के 280 करोड़ रुपए ब्याज सहित लौटने से जुड़े मामले पर सुनवाई नौ मार्च को होगी। सरकार ने प्रदेश हाईकोर्ट को बताया कि 280 करोड़ रुपए की अग्रिम प्रीमियम राशि को नौ फीसदी ब्याज सहित मैसर्स अडानी ग्रुप को वापस करने से जुड़े मसले पर अडानी ग्रुप से बातचीत कर कोई हल निकालने की कोशिश की जा रही है, ताकि सरकार को आर्थिक नुकसान न हो। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष सरकार और अडानी ग्रुप द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सरकार को जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए 280 करोड़ रुपए की राशि वापस करने के आदेश दिए थे।
सरकार ने इस मामले में अपील करने में देरी कर दी थी। अत: सरकार को अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने की अर्जी भी देनी पड़ी थी। सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी, परंतु कोर्ट ने एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने गत 12 अप्रैल को सरकार को आदेश दिए थे कि वह चार सितंबर, 2015 को कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार दो महीने की अवधि में यह राशि वापस करे । एकल पीठ ने यह अडानी पावर लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर पारित किए थे और यह आदेश भी दिए थे कि यदि सरकार यह राशि दो माह के भीतर कंपनी को वापस करने में विफल रहती है, तो उसे नौ फीसदी सालाना ब्याज सहित यह राशि अदा करनी होगी।