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Himachal: हिमाचल में ओपीएस है लागू तो फिर फरवरी के वेतन से क्यों कटा एनपीएस का पैसा

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हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उनके मंत्री पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन फरवरी के वेतन से भी नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों और सरकार का पैसा कटने से बड़ा सवाल खड़ा हो गया। प्रदेश में 13 जनवरी को कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस को तत्काल प्रभाव से लागू करने का दावा किया गया था, लेकिन अभी तक ओपीएस लागू करने की अधिसूचना सरकार जारी नहीं कर पाई और न ही इसको लेकर कोई गाइडलाइन बन सकी। विपक्ष दल भाजपा भी कांग्रेस की दस गारंटियों में से सबसे बड़ी गारंटी अब तक लागू न होने पर सवाल उठा रही है।

जो कर्मचारी जनवरी और फरवरी में सेवानिवृत ह़ुए हैं, वे अभी पुरानी पेंशन के दायरे में ही नहीं आए हैं। फरवरी के 1 मार्च को आए वेतन में एनपीए के तहत आने वाले कर्मचारियों का अपना शेयर और राज्य सरकार का हिस्सा दोनों ही कट रहे हैं। इसे केंद्र सरकार के प्राधिकरण पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में जमा किया जा चुका है। केंद्र से एनपीएस का पैसा निकलना भी टेढ़ी खीर बन गया है। ऐसे में लगातार एनपीएस में पैसा जाना कर्मचारियों के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। बेशक सरकार बार-बार कह रही है कि इस योजना को लागू किया जा चुका है, लेकिन राज्य में अभी तक एनपीएस को बंद करने और ओपीएस लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि जनवरी का एक फरवरी को भी वेतन इसी तरह आया था। इससे लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों पर हर बार पानी फिर रहा है।

एनपीएस के तहत कर्मचारी अपनी तनख्वाह के मासिक 10 प्रतिशत का हिस्सा पीएफआरडीए में जमा करते हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से 14 प्रतिशत शेयर जमा किया जाता है। वर्तमान में एनपीएस के तहत प्रदेश के कर्मचारियों और सरकार के करीब 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पीएफआरडीए के पास फंसे हैं। इस पैसे को वापस लाने की बातें हो रही हैं, जबकि पीएफआरडीए की ओर से इस संबंध में इनकार किया जा चुका है। ऐसे में पीएफआरडीए में कर्मचारी और सरकार के शेयर को जमा करने का सिलसिला अभी तक नहीं रुका है। ओपीएस के धरातल पर लागू न होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। वहीं, पत्रकारों के सवाल पर बुधवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस को लागू किया जा चुका है। कर्मचारियों की आभार रैली पर अभी तक संशय ओपीएस को लागू करने पर कर्मचारियों की सरकार के प्रति आभार रैली पर भी अभी तक संशय बना हुआ है। इस रैली के लिए जगह तक तय नहीं हो पाई है। कर्मचारी संगठन ओपीएस लागू होने की अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

कांग्रेस अपनी 10 गारंटियों से पलटने की पूरी कोशिश कर रही : नंदा

भाजपा सह मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि कांग्रेस अपनी 10 गारंटियों से पलटने की पूरी कोशिश कर रही है। इसका प्रमाण यह है की अब तो कांग्रेस पार्टी जगह-जगह से अपनी 10 गारंटियों के होर्डिंग को हटाने के कार्य में लग गई है। कांग्रेस ने धरातल पर जाकर वॉल राइटिंग का कार्यक्रम भी किया था, जिसमें उन्होंने अपनी 10 गारंटियों का प्रमुखता से उल्लेख भी किया था। पर अब उनको शायद लग रहा है कि यह गारंटियों पूरी नहीं हो सकेगी इसलिए उन वॉल राइटिंग को भी मिटाया जा रहा है। बुधवार को शिमला से जारी बयान में करण नंदा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता यह याद रखें कि अगर उन्होंने झूठी गारंटियों के दम पर सत्ता को हासिल किया है तो सत्ता से बाहर भी यही गारंटी इनको भेजेंगी। कांग्रेस 10 गारंटियों के प्रमाण को दीवारों से मिटाने में लगे हैं तो क्या यह गारंटियां लोगों की याददाश्त से भी हट जाएंगी, ऐसा तो संभव नहीं है।

कांग्रेस पार्टी के नेता कहते थे कि मंडी में बन रहे शिवधाम के लिए भाजपा की सरकार ने कोई पैसा आवंटित नहीं किया, पर अब एडीबी ने भी हिमाचल प्रदेश को 1311 करोड़ रुपये दे दिए हैं और इस राशि के अंदर शिवधाम के लिए भी पैसा आवंटित हो गया है। इसलिए उनका कांग्रेस पार्टी के नेताओं से विनम्र निवेदन है कि शिव धाम का कार्य जल्दी शुरू करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत भी जितनी भी डीपीआर हिमाचल प्रदेश की सरकार केंद्र को बनाकर भेज रही है। केंद्र सरकार इसे तुरंत प्रभाव से स्वीकृत कर रही है।

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