ख़बर आजतक, शिमला ब्यूरो
हिमाचल सरकार के वन विभाग ने मुख्यमंत्री निवास ओक ओवर शिमला और पूर्व मंत्री राकेश पठानिया के शिमला स्थित निवास में नवग्रह वाटिकाएं बनाने पर खोली जांच में पेच फंस गया है। मौजूदा सरकार इस जांच को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। इसे बंद करने की तैयारी मानी जा रही है। यह जांच एक शिकायत को आधार बनाकर शुरू की गई थी। यह निर्माण पिछली सरकार के कार्यकाल का है।
इसमें आरोप लगाए गए हैं कि मुख्यमंत्री निवास ओक ओवर और पूर्व मंत्री के सरकारी निवास के परिसर में नियमों को तोड़कर नवग्रह वाटिका बनाई गई। यह दोनों निवास कोर एरिया में आते हैं, जहां अतिरिक्त निर्माण कार्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा सरकारी बजट का भी दुरुपयोग किया है। शिकायतकर्ता का तर्क है कि राजधानी शिमला में आम आदमी के लिए इस तरह के निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, वहीं वीआईपी के मामले में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
इसी शिकायत को प्रधान सचिव वन ने पीसीसीएफ हॉफ को भेजा था। छानबीन करने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजने को कहा गया था। चुनावी नतीजे आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया तो यहां पर कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। इसी के साथ ही इस जांच को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सूत्रों के अनुसार अब वन विभाग इस जांच को बंद करने की तैयारी कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ओक ओवर छोड़ने के बाद अभी तक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पीटरहॉफ में ही रह रहे हैं। इसी बीच नवग्रह वाटिकाओं पर चल रही जांच का क्या किया जाए। इस संबंध में वन विभाग पिछले कई दिनों से असमंजस में था। अब राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों सेे विचार-विमर्श करने के बाद इस जांच को बंद करने की तैयारी की जा चुकी है। हालांकि, इस संबंध में पीसीसीएफ हॉफ वीके तिवारी से भी पूछा गया तो उन्होंने किसी भी प्रकार की टिप्पणी को करने से इनकार किया।