खबर आजतक, शिमला ब्यूरो
भवनों के निर्माण से कंकरीट में बदल रही हिल्सक्वीन शिमला को हरा भरा रखने में कई संस्थाएं और लोग आगे आ रहे हैं। ऐसी ही एक शख्सियत है शहर के बैनमोर वार्ड की पूर्व पार्षद डॉ. किमी सूद। किमी सूद 20 साल से समाजसेवा के साथ पर्यावरण सरंक्षण में अहम योगदान दे रही हैं। वह जिस बैनमोर क्षेत्र से संबंध रखती हैं, उसका 70 फीसदी से ज्यादा क्षेत्र हरा भरा है। इसकी हरियाली बरकरार रहे, इसके लिए साल 2017 में योजनाएं बनाईं।
वार्ड में वॉकिंग ट्रेल तैयार की जिसमें जगह-जगह नए पौधे लगाए गए। शहर का पहला सनसेट प्वाइंट तैयार किया। ओकओवर के पास शहर का सबसे बड़ा नेचर पार्क बनाने की योजना बनाई। अब यह पार्क तैयार हो चुका है। छोटा शिमला के पास चुड़ैल बावड़ी नाले में कुछ लोग मलबा फेंक रहे थे। इसी नाले में करीब दो हजार स्थानीय लोगों के पीने के पानी का चश्मा है। मलबे से यह चश्मा दबने लगा था। शहर में एक भी बड़ा रेन हार्वेस्टिंग टैंक नहीं है। ऐसे में बारिश के पानी का संचय करने के लिए जाखू क्षेत्र में बड़ा टैंक बनाने की योजना पर भी काम किया। अब यह टैंक भी तैयार हो रहा है।
जरूरतमंदों की मदद के लिए बनाई चैरिटी वॉल
किमी सूद शिमला में कई समाजसेवी संस्थाओं से भी जुड़ी हैं जो जरूरतमंदों की मदद करती है। गरीब और जरूरतमंद लोगों को पहनने के लिए कपड़े मिले, इसके लिए अपने वार्ड में किमी ने चैरिटी वॉल बनवाई है। इसमें शहरभर के लोग कपड़े दान कर सकते हैं। इन्हें बाद में जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाया जाता है। किमी बताती हैं कि बचपन में माता पिता और स्कूल में शिक्षकों ने पौधरोपण में दिलचस्पी बढ़ाई।
वह रेडक्रॉस सोसायटी की महासचिव भी है। कहा कि सोसायटी के साथ मिलकर अब हर साल पौधरोपण अभियान चलाए जा रहे हैं। पौधे लगाने के बाद उनका सूखे से बचाव कैसे हो, इसके लिए भी उनकी संस्था काम कर रही है। यूनिसेफ के मुताबिक लगातार बढ़ रहे तापमान से हिंदकुश ग्लेशियर हर साल 15 मीटर तक सिकुड़ रहा है। इसी तरह उत्तरी हिंद महासागर का जलस्तर भी हर साल 3.3 मिलीमीटर की दर से बढ़ रहा है।