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हिमाचल प्रदेश के सभी न्यायालयों में 11 मार्च को दूसरी बार ऑनलाइन लोक अदालत लगाई जा रही है। इस बार पहली ऑनलाइन लोक अदालत से अधिक मामलों के निपटारे का लक्ष्य रखा गया है। इसमें वाहन चालान और छोटे अपराधों से संबंधित मामलों को अपराधी घर से ही निपटा सकेंगे। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रेम पाल रांटा ने बताया कि दूसरी ऑनलाइन लोक अदालत के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अधिक से अधिक मामलों को इसके माध्यम से निपटारे के लिए चुना जा रहा है। अभी तक करीब 25 हजार मामले चिह्नित किए गए हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जन जागरुकता के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इसमें स्थानीय निकायों, पुलिस, परिवहन विभाग, वित्तीय संस्थानों, बैंकों, गैर सरकारी संगठनों, आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से आम जनता को जागरूक किया जा रहा है। सभी से राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की जा रही है।
प्रेम पाल रांटा ने बताया कि पहली बार आयोजित की गई ऑनलाइन लोक अदालत में रिकॉर्ड 50,175 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। 84 करोड़ 87 लाख 17 हजार रुपये की राशि में शामिल मामलों के आपसी निपटारे से सक्षम वादियों को उचित मुआवजा भी दिया गया। इसके अलावा कई सालों से लंबित वाहन चालान से वसूली गई रकम से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। प्राधिकरण ने वाहन चालान और छोटे अपराधों की अधिकतम पहचान और इनके प्रभावी निपटारे के लिए पुलिस विभाग और परिवहन विभाग के साथ समन्वय किया है। इन विभागों ने इस विशेष ऑनलाइन लोक अदालत के बेहतर समन्वय और सफल आयोजन के लिए अपने नोडल अधिकारियों को अधिसूचित किया है।
42 दिन के शीतकालीन अवकाश के बाद 27 फरवरी से खुलेगा हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट 42 दिन के शीतकालीन अवकाश के बाद 27 फरवरी से नियमित सुनवाई के लिए खुल जाएगा। हाईकोर्ट में 16 जनवरी से 25 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश था। इस दौरान अति आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों को तैनात किया गया था। शीतकालीन अवकाश के दौरान करीब 1,200 मामलों की सुनवाई हुई। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने 20 और 27 जनवरी को अदालत लगाई। इसी तरह तीन फरवरी और 10 फरवरी तक वीरेंद्र सिंह तथा 17 फरवरी और 24 फरवरी तक सत्येन वैद्य की अदालत लगी। अदालत लगने के तय दिनों के अलावा अति आवश्यक मामलों पर संबंधित न्यायाधीश के कार्यालय में सुनवाई की गई।