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ईकेवाईसी न कराने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने से वंचित होना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में 9,04,493 किसान हैं। इनमें से अब तक 1,80,627 किसानों की ईकेवाईसी नहीं हो पाई है। यानी 20 फीसदी किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए अपनी आईडी को आधार से लिंक नहीं किया है। ऐसे किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली 14वीं किस्त का लाभ नहीं ले पाएंगे। सूत्रों की मानें तो सरकार किसानों को भले ही 13वीं किस्त जारी कर दे, लेकिन इसके बाद किसान योजना से बाहर हो सकते हैं। हालांकि, सरकार ने हर जिले में किसानों के ईकेवाईसी और आधार अपडेट कराने के लिए तहसीलों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कई शिविरों का आयोजन किया। पहले 5 फरवरी तक ईकेवाईसी के लिए तिथि निर्धारित की थी। इसके बाद 15 फरवरी तय की गई। अब फिर से 28 फरवरी तक तिथि बढ़ा दी है। बार-बार समय बढ़ाने के बावजूद भी कई किसान ईकेवाईसी नहीं करवा पाए हैं।
इस योजना के तहत किसानों को 2,000-2,000 रुपये की तीन किस्तें हर साल मिलती हैं। बता दें दि कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा 21,917 किसानों ने ईकेवाईसी नहीं किया है। यहां 34 फीसदी किसानों की ईकेवाईसी लंबित है, जबकि, जिला शिमला में सबसे कम 10,081 यानी 11 फीसदी किसानों की ईकेवाईसी नहीं हो पाई है। जनसंख्या के आधार पर देखें तो लाहौल-स्पीति में सिर्फ 347 किसानों ने आधार लिंक नहीं कराया है। यहां कुल 2,792 किसान हैं। ईकेवाईसी न होने के पीछे पोर्टल भी एक वजह मानी जा रही है। पोर्टल पर अपडेट करने के लिए जनरेट होने वाले ओटीपी नंबर के लिए कई बार किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। प्रदेश भू रिकॉर्ड विभाग के निदेशक ललित जैन ने बताया कि योजना के तहत पंजीकृत किसानों में से अब तक 90 फीसदी तक किसानों की ईकेवाईसी हो चुकी है।